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उत्तराखंड की श्रुतिका सिलस्वाल सहित चार भारतियों का राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कार के लिए चयन, पढ़िए श्रुतिका के बारे में

उत्तराखंड की श्रुतिका सिलस्वाल सहित चार भारतियों का राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कार के लिए चयन, पढ़िए श्रुतिका के बारे में

राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कारों के लिए सूची में चार भारतीयों सहित कुल 50 लोगों के नाम हैं। 15 से 29 वर्ष के आयु वर्ग वाले ये लोग सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में योगदान देने संबंधी पहलों में शामिल हैं। भारत की श्रुतिका सिलस्वाल एसडीजी-4 गुणवत्तापरक शिक्षा, अक्षय मकर को एसडीजी-13 जलवायु परिवर्तन, सौम्या डाबरीवाल एसडीजी-5 लैंगिक समानता, कौशल शेट्टी एसडीजी-11 टिकाऊ शहर तथा समुदाय के लिए चयनित किया गया है।

महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने श्रुतिका सिलस्वाल का राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कार में चयन पर बधाई दी। श्रुतिका सिलस्वाल शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। इसी क्रम में विद्यालय शिक्षा विभाग उत्तराखण्डसिंपल एजुकेशन फाउंडेशन के मध्य समझौता ज्ञापन हुआ है। श्रुतिका फाउंडेशन की एसोसिएट डायरेक्टर हैं।

महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने एवं राष्ट्रमंडल पुरस्कार हेतु चयनित होने पर पहाड़ की बेटी कि इस उपलब्धि पर शिक्षा विभाग सहित संपूर्ण प्रदेश अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहा है।  

फाउंडेशन जनपद टिहरी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय गूलर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय लोदसी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय ब्यासी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कौड़ियाला एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय कुण्डिया में कार्य कर रहा है।

फाउंडेशन मुख्य रूप से शिक्षकों की क्षमता संवर्धन, प्रधानाचार्य का नेतृत्व विकास, सामुदायिक सहयोग के साथ-साथ बच्चों में सामाजिक संवेगात्मक अधिगम पर उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। जिससे विद्यालय शिक्षक प्रधानाचार्य के साथ-साथ समुदाय भी लाभान्वित हो रहा है। श्रुतिका एवं उनके फाउंडेशन द्वारा राज्य के पांच प्रारंभिक विद्यालयों में कार्य करने से छात्रों के शैक्षिक स्तर में वृद्धि हुई है।

भारत के चार युवाओं के नाम इस वर्ष के राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कार के लिए अंतिम सूची में शामिल किए गए हैं। ये पुरस्कार राष्ट्रमंडल देशों में सामाजिक उद्यम, पर्यावरण, नवाचार तथा मानवाधिकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाले युवाओं को दिए जाते हैं।

राष्ट्रमंडल महासचिव बैरोनेस पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने कहा, ‘प्रत्येक वर्ष, मैं उन नवोन्मेषों तथा परिवर्तनकारी कार्यों से अभिभूत होती हूं जो ये लोग हमारे लिए एक बेहतर दुनिया बनाने के वास्ते कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं खासतौर पर इस बात पर गर्व महसूस कर रही हूं कि इन 50 युवाओं को सम्मानित किया जा रहा है। मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि युवाओं को विकास के लिए आगे आना चाहिए। जिन लोगों के नाम अंतिम सूची में शामिल किए गए हैं उन्होंने साबित किया है कि युवा केवल तमाशबीन नहीं हैं जो यह सोचते हों कि भविष्य में क्या होगा, बल्कि वे बेहतर भविष्य के लिए काम कर रहे हैं।’

भारत के अक्षय मकर ‘क्लाइमेटेंज़ा सोलर’ कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जो औद्योगिक क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में काम करती है और यह कंपनी कोका-कोला, टाटा ग्रुप तथा यूनिलीवर जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों के साथ काम कर रही है। अक्षय मकर का लक्ष्य अगले पांच वर्ष में 273 मेगावाट क्षमता का निर्माण करना है जिससे 6,50,000 टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन कम होगा।

श्रुतिका सिलस्वाल ‘दलाई लामा फेलो’ हैं, और उत्तराखंड में ‘सिंपल एजुकेशन फाउंडेशन’ में कार्यक्रम प्रमुख हैं। यह संगठन सरकारी स्कूलों के बच्चों की सहायता करता है।

सौम्या डाबरीवाल एक व्यवसायी हैं। उन्होंने वारविक विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक किया है। घाना में स्वयंसेवा के दौरान उन्होंने देखा की लड़कियां प्रत्येक माह मासिक धर्म के दौरान तीन दिन स्कूल नहीं जातीं और इस दौरान वे ऐसी चीजों का इस्तेमाल करती हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

डाबरीवाल ने इसे देखते हुए बाला अभियान की शुरुआत की जिसके तहत बच्चियों को दोबारा इस्तेमाल लायक पैड मुहैया कराए जाते हैं और उन्हें जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।

कौशल शेट्टी गैर-लाभकारी संगठन ‘नोस्टोस होम्स’ के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। यह संगठन प्राकृतिक आपदाओं के कारण विस्थापित हुए लोगों के लिए स्थायी आपातकालीन आश्रयों का निर्माण करता है। 

राष्ट्रमंडल युवा पुरस्कारों के लिए चयनित 50 युवाओं में से 20 को विजेता चुना जाएगा। ये युवा 14 सितंबर को लंदन में पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल होंगे। प्रत्येक विजेता को एक ट्रॉफी, प्रमाणपत्र आदि प्रदान किया जाएगा। आम तौर पर 20 नाम चुने जाते थे जिनमें से पांच क्षेत्रीय विजेता चुने जाते थे, लेकिन इस वर्ष राष्ट्रमंडल युवा कार्यक्रम के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 50 युवाओं के नाम शामिल किए गए हैं। 

 श्रुतिका सिलस्वाल के बारे में 

मूल रूप से टिहरी जिले के नरेंद्र नगर ब्लाक के कखीलभेलधार निवासी श्रुतिका का परिवार दून में रहता है। पिता विनोद सिलस्वाल एमआईटी कॉलेज ढालवाला में शिक्षक, जबकि मां मीनाक्षी सिलस्वाल चंबा के जीआईसी नागणी में शिक्षिका हैं।

श्रुतिका की स्कूली शिक्षा

श्रुतिका की स्कूली शिक्षा डीएसबी स्कूल ऋषिकेश से हुई, इसके बाद वह ओमान पढ़ाई के लिए चली गई। वर्ष 2014 में दिल्ली विवि से बीकॉम किया। इसके बाद दिल्ली से ही दो वर्षीय टीचर फॉर इंडिया फेलोशिप किया। कुछ समय तक विभिन्न संस्थाओं के साथ जुड़ी रहीं। वर्ष 2021 से श्रुतिका सिंपल एजुकेशन फाउंडेशन में उत्तराखंड एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर कार्य कर रही हैं।

श्रुतिका ने बताया की पढ़ाई विभिन्न जगह हुई इसलिए मेरे लिए विविधता महत्वपूर्ण है। शिक्षा के प्रति बचपन से ही खास लगाव रहा। गांव से लेकर विभिन्न शहरों में शिक्षा को एक नई सोच के आगे बढ़ाने का सपना देखा था, जिसे आज फाउंडेशन की मदद से कर रहे हैं। टिहरी में फाउंडेशन ने कई राजकीय प्राथमिक स्कूलों में टीम ने कार्य किया है। सरकारी स्कूलों को स्तरीय बनाने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मई 2022 में उनका चयन दलाई लामा फैलोशिप के लिए किया गया था। यह फेलोशिप एक साल की होती है, जिसमें दुनिया भर से यंग सोशल इनोवेटर्स फेलो के रूप में चुने जाते हैं। ये फेलो अपने काम के जरिये दुनिया की विभिन्न समस्याओं को दूर करने की अपने स्तर पर कोशिश कर रहे हैं।

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