Rainbow News India* 22 September
कोरोना संक्रमण के कम होते ही लोग रायनो और एडिनो वायरस की चपेट में आ रहे हैं। बरसाती मौसम में देहरादून में रायनो और एडिनो वायरस के मरीज भी बढ़ रहे हैं। यह वायरस आमतौर पर बदलते मौसम में ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। रायनो में बुखार, जुकाम, सर्दी, खांसी और नाक से संबंधित दिक्कत होती है। वहीं एडिनो वायरस गले और फेफड़ों को संक्रमित करता है।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केसी पंत के अनुसार रायनो और एडिनो वायरस के लक्षण लगभग मिलते जुलते होते हैं। कोरोना के पहले भी एडिनो वायरस लोगों को परेशान करता था। लेकिन इस बार इसका जोर अधिक है। इस बार यह उन लोगों को ज्यादा परेशान कर रहा है। जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है या जो कोरोना से ठीक हुए हैं। दोहरे संक्रमण की जद में आए लोगों में कमजोरी और सांस फूलने की समस्या आ रही है। बुखार के साथ खांसी भी लंबे समय तक परेशान कर रही है।
अरिहंत अस्पताल के फिजिशियन डॉ. अभिवन नैथानी ने बताया कि सामान्य वायरस संक्रमण की तरह ही इसमें भी उपचार दिया जाता है। जिससे मरीज ठीक हो जाते हैं। हालांकि विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह पर ही उपचार लेना जरूरी है। प्राथमिक उपचार में मरीज के स्वस्थ न होने पर दिल्ली-पुणे जैसे बड़े शहरों में स्थित प्रयोगशालाओं में वायरस की जांच की जाती है।
लापरवाही से हो सकता है निमोनिया
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. कुमार जी. कौल ने बताया कि एडिनो और रायनो वायरस संक्रमण के लक्षण लगभग समान हैं। सामान्य वायरस संक्रमण की तरह ही इसमें भी उपचार दिया जाता है। जिससे मरीज ठीक हो जाते हैं। प्राथमिक उपचार में मरीज के स्वस्थ न होने पर दिल्ली-पुणे जैसे बड़े शहरों में स्थित प्रयोगशालाओं में वायरस की जांच की जाती है,ठीक से उपचार न होने पर वायरस फेफड़ों को संक्रमित कर सकते हैं और निमोनिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
ये हैं प्रमुख लक्षण
फेफड़ों में संक्रमण
सांस फूलने की समस्या
सर्दी-खांसी व हल्का बुखार होना
बदन टूटना
गले में खरास
आंखें लाल होना
कान बंद होना
नाक बहना
इन बातों का रखें ख्याल
ठंडा पानी न पिएं
फूलों को नजदीक से न सूंघें
फुल आस्तीन के कपड़े पहनें और भीगने से बचें
अगर भीग गए हों तो तत्काल दूसरे कपड़े पहन लें
उच्च प्रोटीन युक्त पौष्टिक भोजन लें
बासी और फ्रीज में ज्यादा देर तक रखा भोजन न खाएं
ताजे फलों को डाइट में शामिल करें
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
वायरस के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं
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