रेनबो न्यूज़ इंडिया * 22 फरवरी 2022
रायपुर (देहरादून)। उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क), सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा दिनांक 22 फरवरी 2022 को देहरादून जिले के स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों के लिये यूसर्क सभागार में द्वितीय ‘‘तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम‘‘ का दीप प्रज्जवलन कर आयोजन प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो० डॉ० अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा विगत पांच जून को आयोजित पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह निर्णय लिया गया कि राज्य के जल स्रोतों के महत्व को देखते हुये यूसर्क जलशाला के माध्यम से मासिक आधार पर ‘जल शिक्षा कार्यक्रम’ एवं ‘जल विज्ञान प्रशिक्षण’ कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये। इसी के अन्तर्गत प्रत्येक माह जल शिक्षा कार्यक्रम एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन प्रारंभ किया गया है।
प्रो० रावत ने कहा कि जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को जल के विभिन्न आयामों जैसे जल की गुणवत्ता का अध्ययन, जल संरक्षण, जलस्रोतों का संवर्धन आदि को विभिन्न व्याख्यानों, हैण्डसऑन ट्रेनिंग, फील्ड विजिट आदि के माध्यम से विद्यार्थियों में जल चेतना को जागृत करने का कार्य किया गया है तथा सम्बन्धित विषय पर ज्ञानवर्धन हेतु एक प्लेटफार्म प्रदान किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुये प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वयक व यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ० भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों एवं विषय विशेषज्ञों का स्वागत करते हुये। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को विशेषज्ञ व्याख्यान तथा हैण्डसऑन ट्रेनिंग के माध्यम से जल विज्ञान विषय पर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। डॉ० शर्मा ने बताया ने इस तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम में देहरादून जनपद के पांच उच्च शिक्षण संस्थानों राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर; एसजीआरआर विश्वविद्यालय; ग्राफिक ऐरा (हिल) विश्वविद्यालय; डाॅल्फिन पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एण्ड नेचुरल साइंसेज; डीबीएस महाविद्यालय, देहरादून के बीएससी एवं एमएससी कक्षाओं के 25 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ० ओम प्रकाश नौटियाल ने यूसर्क की विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों मेंटरशिप कार्यक्रम, तकनीकी आधारित विज्ञान शिक्षा, ज्ञान कोष पोर्टल के बारे में विस्तार से बताया।
प्रथम सत्र के विशेषज्ञ डॉ० कंचन देओली बहुखंडी एसोसिएट प्रोफेसर यूपीइएस देहरादून ने ‘‘देहरादून एवं हरिद्वार जिलों के भूजल एवं सतही जल की गुणवत्ता अध्ययन विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने देहरादून एवं हरिद्वार जिलों के भूविज्ञान को समझाया। साथ ही विभिन्न मौसम में जल की गुणवत्ता का अध्ययन करना तथा जल गुणवत्ता पर पड़ने आने मौसमी प्रभाव बताये। डॉ० कंचन ने मानवीय गतिविधियों से जल गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभाव समझाए। सत्र में उन्होंने देहरादून स्थित आसन और सांग नदियों की जल गुणवत्ता का अध्ययन प्रस्तुत करते हुए वाटर केमिस्ट्री को समझाया।
अन्य तकनीकी सत्र में इंजीनियर ओमकार सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूड़की ने व्याख्यान दिया। उन्होंने ‘‘ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण एवं प्रबंधन विषय व्याख्यान दिया और हरिद्वार जिले के इब्राहिमपुर मसाही गांव में जल संरक्षण एवं जलस्रोत पुनर्जीवन हेतु किये गए वैज्ञानिक कार्यों को बताया। उन्होंने इब्राहिमपुर में पुनर्जीवित किये गए तालाबों का पुनर्जीवन से पहले और बाद का डाटा समझया कि कैसे जल की टरबिडीटी, नाइट्रेट, फॉस्फेट, फीकल कॉलिफोर्म बैक्टीरिया, डिसॉल्वड ऑक्सीजन में सुधार आया। उन्होंने रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग को बताया एव वाटर बजटिंग करना सिखाया। उन्होंने तालाब को पुनर्जीवित करने में फायटोरेमेडिएशन विधियों के अंतर्गत कैना इंडिका पौधों के उपयोग के बारे में बताया जिसमें उनके द्वारा तालाब में रिजुविनेशन के बाद मीथेन गैस के उत्सर्जन में आये सुधार को बताया।
कार्यक्रम के दूसरे तकनीकी सत्र में यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ० भवतोष शर्मा ने ‘‘जल संरक्षण‘‘ विषय पर अपना व्याख्यान दिया उन्होंने अपने व्याख्यान में जल संरक्षण की विभिन्न वैज्ञानिक विधियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुये जल संरक्षण करने का आह्वाहन किया। उन्होंने जल संरक्षण एव प्रबंधन की विधियां, भूजल का रिचार्ज (पुनर्भरण) करने की प्रमुख विधियां जैसे रिचार्ज पिट बनाना, रिचार्ज ट्रेंच बनाना, रिचार्ज बोरबैल द्वारा भूजल का रिचाजर्, तालाब/बाबड़ी के द्वारा भूजल का रिचार्ज, छोटे-छोटे बुश चैक डैम के द्वारा भूजल का रिचार्ज, भवन की छत द्वारा वर्षाजल संचयन करना आदि के बारे में विस्तार से बताया। पर्वतीय भूभाग में जल स्रोत संवर्धन करना, भूजल रिचार्ज करना, जलागम प्रबंधन विषय पर उपस्थित विद्यार्थियों को विस्तार से बताया। डॉ० शर्मा ने जल गुणवत्ता अध्ययन में जल नमूनों को भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार वैज्ञानिक ढंग से फिजिकल पैरामीटर, केमिकल पैरामीटर, बायोलॉजिकल पैरामीटर, डिसॉल्वड ऑक्सीजन, बायोकैमिकल ऑक्सीजन डिमांड, पेस्टिसाइड विश्लेषण हेतु भूजल एवं सतही जल नमूनों को एकत्र करना, संरक्षित करना सिखाया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागिओं ने अपने-अपने प्रश्नो का समाधान विशेषज्ञों से प्राप्त किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ० ओम प्रकाश नौटियाल, डॉ० भवतोष शर्मा, डॉ० राजेन्द्र सिंह राणा, यूसर्क आईसीटी टीम के ई० ओम जोशी, ई० उमेश चन्द्र, हरीश प्रसाद ममगांई, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत सहित कुल 40 लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
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