यूसर्क द्वारा बांस से आजीविका बढ़ाने और उपलब्धता बनाये रखने के लिए पौधारोपण

यूसर्क द्वारा बांस से आजीविका बढ़ाने और उपलब्धता बनाये रखने के लिए पौधारोपण

रेनबो न्यूज़ इंडिया * 27 जुलाई 2021 

देहरादून। उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा बांस को काश्तकारों की आजीविका का प्रमुख संसाधन बनाने हेतु, इसके नये उत्पाद बनाने, बाजारीकरण एवं संरक्षण पर कार्य किया जा रहा है। यह कार्यक्रम हिमालयन अध्ययन मिशन परियोजना द्वारा वित्त पोषित परियोजना के अन्तर्गत किया जा रहा है।  

पूर्व में महिला समूह को बांस के उत्पाद बनाने पर सात दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया

यूसर्क द्वारा पूर्व में महिला समूह को आत्मनिर्भर बनाने हेतु बांस के विभिन्न नये उत्पाद बनाने पर सात दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया था। बांस के उत्पाद बनाने के लिए बांस की उपलब्धता बनी रहे इसके तहत यूसर्क द्वारा स्थानीय निवासियों एवं महिला समूह की भागीदारी के के साथ जिसमें ग्राम नागल ज्वालापुर, डोईवाला ब्लॉक में वृहद स्तर पर सामुदायिक बांस वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जा रहा है।

बांस के वृक्षारोपण कार्यक्रम में आज पहले दिन यूसर्क की वैज्ञानिक एवं परियोजना अन्वेषण डॉ० मंजू सुन्दरियाल ने बांस की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने इसे आजीविका का महत्वपूर्ण संसाधन बताया और इसके संरक्षण की आवश्यक पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बांस के उद्यम के जरिये ग्रामीण बेरोजगारी की समस्या पर भी काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। अतः बांस की निरन्तर उपलब्धता बनाये रखने हेतु यूसर्क द्वारा दो दिवसीय वृक्षारोपण कार्यक्रम समुदाय के सहयोग से किया जा रहा है।

वृक्षारोपण कार्यक्रम के पहले दिन यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ०) अनीता रावत ने ग्राम नागल ज्वालापुर, डोईवाला ब्लॉक के मंदिर परिसर में पौधरोपण कर आमंत्रित सभी महिला समूहों को पौधे की जिम्मेदारी देकर रोपित पौधों की सुरक्षा का संकल्प दिलाया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन, जैसी वर्तमान वैश्विक समस्या से सबसे अधिक ग्रामीण जनजीवन एवं गरीब तबके के लोग ही प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही बताया कि बांस का वृक्षारोपण कर मृदा संरक्षण एवं जल संरक्षण व मृदा की उर्वरता को बढ़ाने वाले प्राकृतिक कारकों को बढावा देना हैं। इस अवसर पर उन्होंने महिलाओं को पौधरोपण कार्यक्रम में योगदान देने के लिया सराहना की।  

वृक्षारोपण कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ० गीता खन्ना, निदेशक कृष्णनन मेडिकल सेंटर, देहरादून द्वारा महिलाओं को स्वास्थ्य सम्बन्धी व पर्यावरण को स्वच्छ एवं संरक्षित रखने के लिये महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करायी की गई।  पर्यावरण की स्वच्छता एवं स्वास्थ्य का आपस में घनिष्ठ सम्बन्ध है। उन्होने प्रदूषित पर्यावरण व प्रदूषित जल जनित बीमारियों एवं उनके निवारण के बारे में विस्तार से समझाया। 

नागल ज्वालापुर की ग्राम प्रधान के द्वारा सभी महिलाओं से पौधों की सुरक्षा के लिए आह्वान किया। यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ० ओ पी नौटियाल के द्वारा स्वच्छ पर्यावरण के लिए बांस के वृक्षारोपण को महत्वपूर्ण बताया। तत्पश्चात डॉ० बिपीन सती, रिसर्च एसोसिएट के द्वारा सभी लोगों को वृक्षारोपण कार्यक्रम में सहयोग देने को धन्यवाद देते हुए वृक्षारोपण आरम्भ करने हेतु आग्रह किया गया। वृक्षारोपण कार्यक्रम में यूसर्क की वैज्ञानिक एवं परियोजना अन्वेषक डॉ० मन्जु सुन्दरियाल, डॉ० ओ पी नौटियाल, श्रीमती बीना, समाज सेविका श्रीमती रजनी अग्रवाल, डॉ० विपिन सती, राजीव मोहन बहुगुणा, राधिका सूद एवं समस्त ग्रामवासियों द्वारा बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया गया।

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