रेनबो न्यूज़ इंडिया* 5 मई 2022
उत्तराखंड में भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के 17 अधिकारियों के इस साल के अंत तक सेवानिवृत्त होने से अधिकारियों की कमी हो जाएगी जिसके कारण वन विभाग को प्रदेश में 36 वन प्रभाग और दो बाघ संरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधन में दिक्कत आ सकती है।
उत्तराखंड के लिए आईएफएस अधिकारियों के स्वीकृत पदों के सापेक्ष यहां 90 अधिकारी सेवारत हैं जिनमें से 17 इस साल के अंत तक सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि आईएफएस अधिकारियों की कमी के कारण कॉर्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व तथा 36 वन प्रभागों में बंटे 38,000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा इलाके में फैले वन क्षेत्र के प्रबंधन में मुश्किल आ सकती है।
प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने माना कि कर्मचारियों/अधिकारियों की कमी से काम में मुश्किल आएगी लेकिन कहा कि राज्य सरकार के पास ऐसी परिस्थितियों से निपटने की एक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे हालत से निपटने के लिए हमने संघ लोक सेवा आयोग को पहले ही आईएफएस अधिकारियों की मांग भेजने का निर्णय लिया है।’’
उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड को हर साल आईएफएस और प्रांतीय वन सेवा के अधिकारियों का आनुपातिक आवंटन होना चाहिए।
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