रेनबो न्यूज़ इंडिया* 17 मई 2022
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5जी टेस्ट बेड लांच कर देश को समर्पित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि उन्हें देश को अपना, खुद से निर्मित 5G Testbed राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है. यह टेलिकॉम सेक्टर में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नॉलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक अहम कदम है.उन्होंने आईआईटी समेत इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “5जीआई के रूप में जो देश का अपना 5जी स्टैंडर्ड बनाया गया है, वो देश के लिए बहुत गर्व की बात है। ये देश के गांवों में 5जी टेक्नॉलॉजी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी। इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा। उन्होंने कहा कि 5जी टेक्नोलॉजी भी देश की गवर्नेंस में, इज ऑफ लिविंग, इज ऑफ डूइंग बिजनेस में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक, हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा। इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोजगार के भी अनेक अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि 5जी को तेजी से शुरू करने के लिए सरकार और उद्योग दोनों के प्रयासों की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2जी काल की निराशा, हताशा, करप्शन, पॉलिसी पैरालिसिस से बाहर निकलकर देश ने 3जी से 4जी और अब 5जी और 6जी की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 8 सालों में रीच, रिफॉर्म, रेगुलेट, रेस्पॉन्ड और रिवॉल्यूशनाइज के पंचामृत से हमने टेलिकॉम सेक्टर में नई ऊर्जा का संचार किया है। उन्होंने कहा कि इसमें ट्राई की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि साइलो वाली सोच से आगे निकलकर अब देश ‘व्होल ऑफ द गवर्मेंट अप्रोच’ के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, आज हम देश में टेली-डेंसिटी और इंटरनेट यूजर्स के मामले में दुनिया में सबसे तेजी से एक्सपेंड हो रहे हैं तो उसमें टेलीकॉम समेत कई सेक्टर्स की भूमिका रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोबाइल गरीब से गरीब परिवार की भी पहुंच में हो, इसके लिए हमने देश में ही मोबाइल फोन की मैन्युफेक्चरिंग पर बल दिया। परिणाम ये हुआ कि मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स 2 से बढ़कर 200 से अधिक हो गईं। हम भारत देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत में 100 ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ी थीं। आज हम करीब-करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचा चुके हैं। इससे सैकड़ों सरकारी सेवाएं गांवों तक पहुंच रही हैं।
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