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दुनिया के युवाओं को राह दिखाने के लिए ग्राफिक एरा में टेड टॉक का आयोजन

दुनिया के युवाओं को राह दिखाने के लिए ग्राफिक एरा में टेड टॉक का आयोजन

रेनबो न्यूज़ इंडिया * 11 जून 2022

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य डॉ० सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सफलता के लिए केवल शिक्षा काफी नहीं है, बिना मोटिवेशन शिक्षा विनाश की वजह भी बन सकती है। डॉ० सुधांशु ने ग्राफिक एरा  में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की टेड टॉक से जुड़े टेडएक्स ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी समारोह को संबोधित किया। 

इस समारोह में प्रख्यात लेखक व उद्यमी चेतन भगत, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सेवानिवृत्त आईएएस डॉ० संजीव चोपडा, मेगा सिने स्टार उर्वशी रौतेला, ग्राफिक एरा के संस्थापक डॉ० कमल घनशाला, प्रसिद्ध पर्यावरणविद श्री चंडी प्रसाद भट्ट समेत अनेक हस्तियों ने आगे बढ़ने के गुरों के रूप में नई पीढ़ी को राह दिखाई। इस कार्यक्रम के वीडियो के जरिये टेड इन विशेषज्ञों के विचार दुनिया भर में युवाओं तक पहुंचाएगी। 

उत्तराखंड को पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत बताते हुए उन्होंने एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स और फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के हताश होकर कैंची धाम आने और वहां से प्रेरणा व ऊर्जा पाकर बुलंदियों तक पहुंचने के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में विश्व गुरु बनेगा क्योंकि हमारी शिक्षा मूल्यों से जुड़ी है और दुनिया इससे स्वीकार करने लगी है। भारत ही पूरी दुनिया के लिए मोटिवेशन का केंद्र बनेगा। सैकड़ों शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और अन्य लोगों सम्मोहित करने जैसे अंदाज में डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने अपने तर्कों, उदाहरणों और शैली से इस कदर मंत्रमुग्ध कर दिया कि उनके पूरे भाषण के दौरान तालियों की गड़गड़ाहट के अलावा कोई आवाज सुनाई नहीं दी।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ० सुधांशु त्रिवेदी ने अमेरिका के वर्ष 1945 में परमाणु क्षमता हासिल करने के प्रोजेक्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि जो नहीं दिखता, वह भी सच हो सकता है। आगे बढ़ने वाले उसे भी देखते हैं, जो सहज ही नहीं दिखाई देता। डॉ सुधांशु ने शून्य के आविष्कार और उससे जुड़े विवादों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आर्यभट्ट की किताब में शून्य का उल्लेख पाकर दुनिया ने उसे उसी दौर की खोज मान लिया, लेकिन भारत में शून्य की खोज महाभारत काल से पहले ही हो चुकी थी। भारत में शून्य एक अनुभूति की तरह है और पाश्चात्य जगत में ये महज एक माप। इसलिए वह शून्य के वास्तविक मूल्यों को नहीं जान सकते। अनंत का रास्ता भी शून्य से होकर जाता है।

पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार ने टेड एक्स ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता के मायने हर किसी के लिए अलग-अलग होते हैं। सफलता कई चीजों पर निर्भर करती है, इनमें हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क मुख्य हैं। इसके साथ ही कामयाबी के अर्जुन जैसे लक्ष्य केंद्रित प्रयास और जुनून भी जरूरी है। परीक्षा में सफलता के लिए कठिन परिश्रम और प्रतिभा आवश्यक है, लेकिन करियर के दौरान दूसरों की भावनाओं की समझ अधिक आवश्यक हो जाती है।

ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने युवाओं को जिंदगी में कामयाबी पाने के गुर अपना उदाहरण देते हुए समझाये। डॉ० घनशाला ने कहा कि सफलता की राह में मुश्किलें और चुनौतियां आती हैं, इनका सामना करने के लिए परिश्रम के साथ ही धैर्य और जुनून जरूरी है। उन्होंने कहा कि भले ही लोक कल्याण के लिए अस्पताल ही क्यों न बनाया जाए, उसमें भी कई तरह की अड़चने आ सकती हैं। पिछले आठ वर्षों में केंद्र की नीतियों के कारण इनमें काफी बदलाव आये हैं, लेकिन कुछ स्तरों पर चीजों को बदलने में समय लगेगा। युवाओं को अपने उद्योग शुरू करते समय इनके लिए भी मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए। डॉ० घनशाला ने गीत की पंक्तियां– रुक जाना नहीं तू कहीं हार के, कांटों पर चलके मिलेंगे साये बहार के … गाकर युवाओं का हौसला अफजाई की।

प्रसिद्ध उपन्यासकार और उद्यमी चेतन भगत ने कहा कि अपने लिए जियें… दुनिया, समाज और परिवार क्या सोचेगा, इसकी परवाह करने से पहले ये सोंचे कि आपको किससे खुशी मिलती है। जिस तरीके से विमान में सह-यात्रियों को मास्क लगाने से पहले खुद मास्क लगाने की हिदायत दी जाती है, उसी तरह आप अपनी खुशी के बारे में पहले सोचेंगे और जब आप सफल होंगे, तो लोग आपकी ओर आकर्षित होंगे। 

उन्होंने कहा कि आजकल कोई इसकी चिंता नहीं करता कि आप क्या कर रहे हैं और कितना कमा रहे हैं। यहां तक कि लोग सोचना ही भूल गए हैं। वास्तविकता यह कि आज सब मोबाइल में खोये रहते हैं। ऐसा हो सकता है कि आप अपनी खुशी का कार्य करेंगे, तो उसका परिणाम सबके लिए अच्छा होगा और दूसरों का आप अच्छे से ख्याल रख पायेंगे। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जब वे पैसे के पीछे भाग रहे थे, तब अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पाए। 

मेगा सिने स्टार उर्वशी रौतेला ने टेड एक्स में कहा कि उत्साह से जीने के लिए कोई उम्र तय नहीं है। अपनी शर्तों पर जिंदगी जीनी चाहिए। अपनी सोच को नए विचारों के स्वागत के लिए खुला रखना चाहिए। रचनात्मक कार्यों के लिए अपने कम्फर्ट जोन से बाहर की कहानियों को सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए। अंतर्मुखी लोग बहुत प्रतिभाशाली होते हैं, दूसरों को उनकी प्रतिभा का आदर करते हुए उसे सामने लाना चाहिए। बहिर्मुखी लोगों को दूसरों के विचारों का भी सम्मान करना चाहिए। आमतौर से लोग स्ट्रेस को शत्रु मानते हैं, लेकिन कामयाबी के लिए जरूरी है कि सोच को सकारात्मक रखा जाए और स्ट्रेस से घबराना नहीं चाहिए। 

उर्वशी ने कहा कि दुनिया के युवाओं का मार्गदर्शन करने के लिए टेड पर यह उनका पहला है और उनके लिए खुशी की बात है कि यह उनके राज्य के प्रमुख और देश के प्रतिष्ठित ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में हो रहा है। 

चिपको नेता व प्रसिद्ध पर्यावरणविद श्री चंडी प्रसाद भट्ट ने हिमालय और नदियों की महत्ता का उल्लेख करते हुए पर्यावरण संरक्षण के फायदों को समझाया। श्री भट्ट ने कहा कि भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सजग होने की आवश्यकता है। अपने बचपन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि पहले जंगलों और बुग्यालों में शोर मचाना भी बुरा माना जाता था, इस मान्यता के पीछे प्रकृति को डिस्टर्ब न करने की भावना होती थी। लेकिन अब रोजाना जंगलों, पहाड़ों और बुग्यालों में हैलीकॉप्टरों का शोर गूंजता है। प्रकृति से जितनी कम छेड़छाड़ की जाएगी, जीवन उतना ही सुखद रहेगा। सेवानिवृत्त आईएएस ने डॉ. संजीव चोपड़ा, दूरदर्शन के वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव, डॉ. ए के सिंह, आदित्य सत्संगी, सम्यक चक्रवर्ती, समीक्षा सजवाण, आयुवेदाचार्य अमित वर्मा, ब्लॉक चेन विशेषज्ञ कमलेश नागवाड़े, प्रसिद्ध गायक प्रीतम भरतवाण ने भी टेड एक्स ग्राफिक एरा में शामिल होकर युवाओं का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन साहिब सबलोक ने किया।

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