रेनबो न्यूज़ इंडिया*17 अगस्त 2022
हल्द्वानी: सेना के जवान लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर हल्द्वानी स्थित उनके आवास पर लाया गया। सेना के जवान, जिला प्रशासन और पुलिस के जवान चंद्रशेखर हरबोला के पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचे। चंद्रशेखर हरबोला के अंतिम संस्कार को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हल्द्वानी निवासी लाइंस नायक चंद्रशेखर हरबोला का 38 साल बाद पार्थिव शरीर उनके आवास पहुंचा, जहां परिवार के लोगों ने अंतिम दर्शन किया।
पार्थिव शरीर घर में पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। उनका पार्थिव शरीर हल्द्वानी के आर्मी ग्राउंड हेलीपैड पहुंचा। जहां सड़क मार्ग के रास्ते उनके सरस्वती विहार धान मिल स्थित आवास लाया गया। पार्थिव शरीर उनके आवास पर पहुंचते ही भारत माता की जयकारों से गूंज उठा। सेना के जवान लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ रानीबाग के चित्रशिला घाट पर किया जाएगा। बताया जा रहा है कि सीएम धामी भी शहीद के परिवार से मिलने पहुंचेंगे।
सीएम धामी शहीद चंद्रशेखर हरबोला के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट के हाथीगुर बिंता निवासी चंद्रशेखर हरबोला 19 कुमाऊं रेजीमेंट में लांसनायक थे। वह 1975 में सेना में भर्ती हुए थे। वे 38 साल पहले सियाचिन में शहीद हुए थे। 1984 में भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन के लिए झड़प हो गई थी। भारत ने इस मिशन का नाम ऑपरेशन मेघदूत रखा था।
भारत की ओर से मई 1984 में सियाचिन में पेट्रोलिंग के लिए 20 सैनिकों की टुकड़ी भेजी गई। इसमें लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला भी शामिल थे। सभी सैनिक सियाचिन में ग्लेशियर टूटने की वजह से इसकी चपेट में आ गए, जिसके बाद किसी भी सैनिक के बचने की उम्मीद नहीं रही। भारत सरकार और सेना की ओर से सैनिकों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसमें 15 सैनिकों के पार्थिव शरीर मिल गए थे लेकिन पांच सैनिकों का पता नहीं चल सका था। 38 साल बाद शव मिलने के बाद उनका चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर हल्द्वानी लाया गया।
Related posts:
- बारात में नहीं ले जाने पर दोस्त ने दूल्हे को मानहानि का नोटिस भिजवाया
- आशा भोसले ने बहन लता मंगेशकर के साथ बचपन में गुजारे दिनों को किया याद
- हेलीकॉप्टर हादसा:ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
- हेलीकॉप्टर दुर्घटना : ब्लैक बॉक्स बरामद, एकमात्र जीवित बचा सैन्य कर्मी जीवन रक्षक प्रणाली पर
- अरुणाचल हिमस्खलन में शहीद सात जवानों के पार्थिव शरीर पैतृक गांव भेजे गये
- अफ्रीकी महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर पर ग्राफिक एरा का ध्वज फहराया