रेनबो न्यूज़ * 18 दिसंबर 2022
रुद्रप्रयाग: भगवान शिव और पार्वती माता के प्रेम को हर जोड़ा आदर्श मानता है। रुद्रप्रयाग जिले के गोपेश्वर स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर में भगवान शिव व पार्वती माता की शादी हुई थी। कुछ समय पहले तक यहां आने वाले जोड़ों की अधिक भीड़ देखने को नहीं मिलती थी। लेकिर अब हालात यह है कि जोड़ों को इस मंदिर में शादी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ रहा है। बता दें कि वर्तमान में शादी के लिए जून 2023 तक बुकिंग फुल हो चुकी है।
इस वर्ष 14 जनवरी से 15 दिसंबर तक त्रियुगीनारायण मंदिर में 80 विवाह हुए हैं, जिसमें स्थानीय के साथ जिले के अन्य क्षेत्रों और बाहरी जनपदों के भी शामिल हैं। तीर्थपुरोहित समिति के पास अभी तक कुल 25 विवाह आयोजन का पंजीकरण हो चुका है। त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह आयोजन के लिए तीर्थ पुरोहित समिति में पंजीकरण करवाना होता है। इसके तहत वर-कन्या का नाम व पता और विवाह तिथि लिखी जाती है, जिसकी एक प्रतिलिपि संबंधित पक्ष को दी जाती है। समिति इस कार्य के 1100 रुपये शुल्क लेती है। इस शुल्क से समिति शादी मंडप स्थल पर बैठने की व्यवस्था करती है। शादी समारोह की सभी व्यवस्थाएं स्थानीय स्तर पर ग्रामीण व तीर्थपुरोहित करते हैं।
भगवान विष्णु को साक्षी मानकर त्रियुगीनारायण में भगवान शिव ने पार्वती से विवाह किया था। इस विवाह की तीन युगों से जल रही अखंड ज्योति मौजूद है, जिसे सप्तवेदी भी कहा जाता है। यहां मंदिर बना तो लोगों में इस पवित्र स्थल पर अखंड ज्योति को साक्षी मानकर विवाह करना शुरू कर दिया।
शिव-पार्वती की विवाह स्थली में प्रतिवर्ष काफी संख्या में लोग विवाह आयोजन के लिए पहुंच रहे हैं। समिति के पास जून 2023 तक विवाह आयोजन की बुकिंग हो चुकी है। – सर्वेशानंद भट्ट, सचिव, तीर्थ पुरोहित समिति त्रियुगीनारायण मंदिर
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