मालसी स्थित देहरादून चिड़ियाघर में सोमवार को मेहमानों के रूप में गुलदार के दो शावकों को लाया गया है। ये शावक चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर से लाए गए हैं। इनमें मादा की उम्र करीब 11 महीने और नर शावक की उम्र करीब आठ माह है। इन दोनों को हाल ही में तैयार किए गए नए बाड़ों में रखा गया है।
मादा गुलदार का नाम रुकसाना और नर का नाम तहसीम रखा गया है। रेस्क्यू सेंटर प्रभारी अरविंद डोभाल ने बताया कि इनका नाम सेंटर के केयर टेकर तहसीम और उनकी पत्नी के नाम पर रखा गया है। ये दंपती इन शावकों से बहुत प्यार करते हैं। हालांकि, चिड़ियाघर आने के बाद इन्हें अब नए नाम मिल सकते हैं।
कुछ दिन इन दोनों पर चिकित्सकों और विशेषज्ञों की खास नजर रहेगी। हालांकि, मंगलवार से ही सैलानी इन दोनों का दीदार कर सकेंगे।
सोमवार तड़के देहरादून से रेंजर मोहन सिंह रावत की टीम इन दोनों शावकों को लाने के लिए गई थी। चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर से केयर टेकर तहसीम के साथ ये दोनों शावक सुबह करीब नौ बजे मालसी जू पहुंचे। यहां पर अधिकारियों की उपस्थिति में दोनों को अलग-अलग बाड़ों में रखा गया।
डेढ़-डेढ़ किलो चिकन रोज खाते हैं दोनों
इनमें से मादा गुलदार का वजन करीब 17 किलो और नर का 15 किलो है। रेस्क्यू सेंटर प्रभारी अरविंद डोभाल के अनुसार इन दोनों को वजन के हिसाब से खाना दिया जाता है। इन्हें तीनों समय करीब आधा-आधा किलोग्राम चिकन दिया जाता है।
रानी हो चुकी है 23 साल की वृद्ध
चिड़ियाघर में पहले से ही एक मादा गुलदार मौजूद है। इसका नाम रानी है। लेकिन, वर्तमान में वह करीब 23 साल की हो चुकी है। आमतौर पर गुलदार की उम्र करीब 20 वर्ष तक रहती है। वर्तमान में भी मादा गुलदार रानी को फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है। वह केवल खाना अब पहले की अपेक्षा कम खाती है।
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