स्थानीय ख़बरें – उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यू के (UK) दौरे से नई दिल्ली आगमन के बाद मीडिया से औपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि यूके में आयोजित विभिन्न बैठकों में राज्य में लगभग 12 हजार 05 सौ करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर करार हुआ।
उन्होंने कहा कि अपने अप्रवासी भाई-बहनों और उत्तराखंड सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने तथा उनके निवेश प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उत्तराखंड अप्रवासी सेल बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन के पर्यटन मंत्री के साथ उत्तराखंड और ब्रिटेन के बीच पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने हेतु कार्ययोजना बनाने के लिए सहमति भी बनी।
उत्तराखंड में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नैनीताल जिले के लालकुआं में 80 करोड़ की लागत से ऑटोमेटेड मिल्क प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट के लिए शासन स्तर पर सहमति मिल गई है। जल्द ही प्रस्ताव राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को भेजा जाएगा। इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन दो लाख लीटर दूध की होगी। यह प्रदेश का पहला ऑटोमेटेड प्लांट होगा। जिसमें दूध की टेस्टिंग से लेकर पैकेजिंग का काम आधुनिक मशीनों से किया जाएगा।
दुग्ध विकास विभाग के माध्यम से प्रदेश भर में 11 मिल्क प्लांट संचालित है। 2600 दुग्ध सहकारी समितियों से 50 हजार से अधिक किसान जुड़े हैं। प्रतिदिन लगभग दो लाख लीटर दूध एकत्रित किया जाता है। प्रदेश सरकार का दुग्ध उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य है। लेकिन अभी तक प्रदेश में बड़ा ऑटोमेटेड मिल्क प्लांट नहीं है।
ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बछेलीखाल के निकट जेसीबी मशीन ला रहा ट्रेलर वाहन गहरी खाई में गिर गया। इस हादसे में जेसीबी ऑपरेटर की मौके पर ही मौत हो गई। देवप्रयाग थाना इंस्पेक्टर देवराज शर्मा ने बताया ट्रेलर वाहन जेसीबी मशीन को लेकर ऋषिकेश से गौचर के लिए चला था।
बछेलीखाल के निकट धौल धार में ट्रेलर अचानक अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा, जिसमें ट्रेलर चालक बृजपाल पुत्र बलवंत सिंह रिखणीखाल, पौड़ी गढ़वाल छिटककर बाहर गिरने से जान बच गई। दुर्घटना की सूचना पर चौकी प्रभारी बछेलीखाल रविंद्र डोभाल व एसडीआरएफ टीम मौके पर पहुँची।
चालक बलवंत सिंह ने बताया कि ट्रेलर में जेसीबी ऑपरेटर भी सवार था। जिसके बाद जेसीबी ऑपरेटर की रात में तलाशी की गई, मगर वह नहीं मिल पाया । शुक्रवार सुबह उसकी दोबारा खोज की गयी जिसमें आपरेटर का शव यहां गहरी खाई से मिला। मृतक की पहचान मनोज निवासी लोहाघाट चंपावत के रूप में की गई। पुलिस द्वारा शव को गहरी खाई से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए ऋषिकेश भेजा गया।
राष्ट्रीय ख़बरें – India
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में 2020-21 के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्रदान किये। समाज सेवाओं में योगदान के लिए 52 व्यक्तियों को ये पुरस्कार प्रदान किए गए। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने पुरस्कार समारोह में हिस्सा लिया। स्वयंसेवी सामाजिक सेवाओं में विशिष्ट योगदान को सम्मानित करने के लिए युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्रदान करता है। एनएसएस केन्द्रीय क्षेत्र का कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत 1969 में की गई थी इसका प्राथमिक उद्देश्य स्वयंसेवी प्रयासों के जरिए विद्यार्थियों और युवाओं के व्यक्तित्व का विकास और चरित्र निर्माण में योगदान करना है।
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. मनोज सोनी ने शपथ दिलाई
डॉ. दिनेश दास ने आज संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। यूपीएससी के अध्यक्ष डॉ. मनोज सोनी ने शपथ दिलाई।
डॉ. दास गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर से वन कानून और सतत विकास में पीएचडी और गुजरात कृषि विश्वविद्यालय, नवसारी से वानिकी (कृषि वानिकी और पारिस्थितिकी) में एम.एससी हैं। इनके पास फरवरी 2016 से जनवरी 2022 तक गुजरात लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में व्यापक अनुभव है। उनके कार्यकाल के दौरान, आयोग ने 26,116 अधिकारियों की भर्ती के लिए 827 विज्ञापनों की प्रक्रिया चलाई, जिसमें कुल 62 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया।
डॉ. दास दिसंबर 2020 से जनवरी 2022 तक अखिल भारतीय लोक सेवा आयोग की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। स्थायी समिति माननीय यूपीएससी अध्यक्ष द्वारा गठित 9 सदस्यों की समिति है, जो हर साल राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर यूपीएससी के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए सभी 29 राज्यों के लोक सेवा आयोगों का प्रतिनिधित्व करती है।
डॉ. दास राज्यों में सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए मॉडल पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न तैयार करने वाली मसौदा समिति के अध्यक्ष भी रहे। श्री दिनेश दास समिति द्वारा प्रस्तुत मसौदे को सभी राज्यों के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों के 20वें राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य रूप से स्वीकार कर लिया गया था, जिसे 12 और 13 जनवरी, 2018 को गोवा में आयोजित किया गया था।
केंद्रीय (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि स्टार्टअप अगले 25 वर्षों में भारत की अमृत काल यात्रा के पथ प्रदर्शक हैं।
‘आत्मन-2023’ नामक एग्री-टेक स्टार्ट-अप सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने अभिनव उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन हेतु लाभकारी प्रस्ताव के लिए अनुसंधान, शिक्षा, स्टार्ट-अप और उद्योग के बीच व्यापक सामंजस्य का आह्वान किया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पिछले 10 वर्षों में कृषि क्षेत्र में 142 से अधिक डीप-टेक स्टार्ट-अप शुरू हुए हैं और बताया कि आज आत्मन सम्मेलन के दौरान 60 और स्टार्टअप को शामिल किया जाएगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आत्मन को एक अनूठी पहल बताया क्योंकि आत्मन साझेदार कृषि स्टार्टअप्स और नवाचारों के लिए एक विशेष मंच उपलब्ध कराने के लिए एक टीम के रूप में मिलकर काम कर रहे हैं और इनमें से कुछ प्रौद्योगिकियों को कार्यक्रम के दौरान आयोजित एक्सपो में प्रदर्शित किया गया है। यह कार्यक्रम अवधारणा, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षण और बाजार प्रवेश के प्रमाण के लिए बेहतरीन विचारों, नवाचारों और प्रौद्योगिकियों के साथ वित्तीय और तकनीकी सहायता के साथ संभावित स्टार्टअप की मदद करने के लिए आयोजित किया गया। आईआईटी बॉम्बे, रोपड़, इंदौर और खड़गपुर में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब सामूहिक रूप से प्रत्येक स्टार्टअप को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कुल 20 करोड़ रुपये के फंड की पेशकश कर रहे हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान” के अनुरूप चार टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब कृषि क्षेत्र को बदलने के लिए एडवांस्ड डीप टेक्नोलॉजी प्रौद्योगिकियों को विकसित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये डेटा-आधारित निर्णय लेने, स्वचालन और कृषि कार्य-प्रणालियों में सटीकता को सक्षम कर सकते हैं, अंततः कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण और सुधार में योगदान दे सकते हैं।
हालांकि, डॉ. जितेंद्र ने बताया कि भारत में कृषि क्षेत्र जलवायु परिवर्तन, फैग्मेन्ट भूमि और संसाधनों की कमी जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि उपयुक्त तकनीकी उपायों को कार्यान्वित करके भारत उत्पादकता बढ़ाने, नुकसान को कम करने और इस क्षेत्र की समग्र दक्षता में सुधार के लिए अपनी कृषि पद्धतियों का आधुनिकीकरण कर सकता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के पारंपरिक क्षेत्र, कृषि क्षेत्र में तकनीकी उपायों को अपनाने, इसका आधुनिकीकरण करने, चुनौतियों से निपटने, स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ने और वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर विचार विमर्श करने का यह सही समय है।
सीएसआईआर के नेतृत्व वाले लैवेंडर मिशन की सफलता का उल्लेख किया जिसने कई किसानों के जीवन को बदला है और डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री ने मन की बात के 99वें संस्करण में सीएसआईआर-अरोमा मिशन के तहत जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के भद्रवाह में लैवेंडर की खेती में किसानों की सहायता के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (सीएसआईआर-आईआईआईएम) के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि किसान दशकों से पारंपरिक मक्का की खेती में लगे हुए थे, लेकिन कुछ किसानों ने कुछ अलग करने का सोचा। उन्होंने फूलों की खेती की ओर रुख किया। आज यहां करीब ढाई हजार किसान लैवेंडर की खेती कर रहे हैं। इन्हें केंद्र सरकार के अरोमा मिशन के माध्यम से हर संभव सहायता प्रदान की गई। इस नई खेती ने किसानों की आय में बहुत वृद्धि की है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि लगभग तीन से चार हजार लोग लैवेंडर की खेती कर रहे हैं और लैवेंडर ऑयल की बिक्री व विपणन करके लाखों रुपये कमा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस युवा दल के 70 प्रतिशत लोग स्नातक भी नहीं हैं, लेकिन उनके पास कम आय पैदा करने वाले मक्का की खेती से लैवेंडर में जाने के लिए प्रतिभा और जोखिम लेने की क्षमता है।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचारों ने पिछले 6-7 वर्षों में एक नए आयाम की दिशा में काम किया है और आशा व्यक्त की कि आने वाले दिनों में एसटीआई समाधानों से कृषि क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता ने बताया कि डीएसटी के इंटरडिसप्लीनरी साइबर फिजिकल सिस्टम (एनएम-आईसीपीएस) पर राष्ट्रीय मिशन के तहत स्थापित 25 नवाचार केंद्रों में से चार प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र आत्मन में 20 प्रमुख कृषि-तकनीकी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
आत्मन 2023 कार्यक्रम की योजना नवाचार व उद्यमिता को बढ़ावा देने और एग्रीटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम का समर्थन करने के लिए बनाई गई थी ताकि एग्री टेक स्टार्टअप की संख्या, सफलता दर और प्रभाव को बढ़ाया जा सके। इसने सरकार, उद्योग और शिक्षाविदों के हितधारकों के साथ-साथ किसान उत्पादक संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों की भागीदारी को भारत में एग्रीटेक नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए डीएसटी की दृढ़ प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के वाशिम में 3695 करोड़ रुपये की 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
पिछले 9 वर्षों में वाशिम जिले में विदर्भ और मराठवाड़ा को जोड़ने वाले 227 किमी राजमार्ग नेटवर्क का निर्माण किया गया है। महाराष्ट्र के अकोला से तेलंगाना के संगारेड्डी तक 4 लेन राष्ट्रीय राजमार्ग-161 दोनों राज्यों के बीच व्यापार संबंधों को और दृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हांगझोऊ में एशियाई खेल 2022 में टेनिस स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी की पुरुष युगल जोड़ी को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने X पर अपने संदेश में कहा:
“अच्छी खबर। हमारे टेनिस खिलाड़ियों को धन्यवाद। एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने पर रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी की हमारी पुरुष युगल जोड़ी को बधाई। उनके असाधारण टीम वर्क ने हम सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। उनके भावी प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।”
राष्ट्रीय ख़बरें – India
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन में 2020-21 के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्रदान किये। समाज सेवाओं में योगदान के लिए 52 व्यक्तियों को ये पुरस्कार प्रदान किए गए। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने पुरस्कार समारोह में हिस्सा लिया। स्वयंसेवी सामाजिक सेवाओं में विशिष्ट योगदान को सम्मानित करने के लिए युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्रदान करता है। एनएसएस केन्द्रीय क्षेत्र का कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत 1969 में की गई थी इसका प्राथमिक उद्देश्य स्वयंसेवी प्रयासों के जरिए विद्यार्थियों और युवाओं के व्यक्तित्व का विकास और चरित्र निर्माण में योगदान करना है।
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. मनोज सोनी ने शपथ दिलाई
डॉ. दिनेश दास ने आज संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। यूपीएससी के अध्यक्ष डॉ. मनोज सोनी ने शपथ दिलाई।
डॉ. दास गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर से वन कानून और सतत विकास में पीएचडी और गुजरात कृषि विश्वविद्यालय, नवसारी से वानिकी (कृषि वानिकी और पारिस्थितिकी) में एम.एससी हैं। इनके पास फरवरी 2016 से जनवरी 2022 तक गुजरात लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में व्यापक अनुभव है। उनके कार्यकाल के दौरान, आयोग ने 26,116 अधिकारियों की भर्ती के लिए 827 विज्ञापनों की प्रक्रिया चलाई, जिसमें कुल 62 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया।
डॉ. दास दिसंबर 2020 से जनवरी 2022 तक अखिल भारतीय लोक सेवा आयोग की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। स्थायी समिति माननीय यूपीएससी अध्यक्ष द्वारा गठित 9 सदस्यों की समिति है, जो हर साल राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर यूपीएससी के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए सभी 29 राज्यों के लोक सेवा आयोगों का प्रतिनिधित्व करती है।
डॉ. दास राज्यों में सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए मॉडल पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न तैयार करने वाली मसौदा समिति के अध्यक्ष भी रहे। श्री दिनेश दास समिति द्वारा प्रस्तुत मसौदे को सभी राज्यों के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों के 20वें राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य रूप से स्वीकार कर लिया गया था, जिसे 12 और 13 जनवरी, 2018 को गोवा में आयोजित किया गया था।
केंद्रीय (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि स्टार्टअप अगले 25 वर्षों में भारत की अमृत काल यात्रा के पथ प्रदर्शक हैं।
‘आत्मन-2023’ नामक एग्री-टेक स्टार्ट-अप सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने अभिनव उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन हेतु लाभकारी प्रस्ताव के लिए अनुसंधान, शिक्षा, स्टार्ट-अप और उद्योग के बीच व्यापक सामंजस्य का आह्वान किया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पिछले 10 वर्षों में कृषि क्षेत्र में 142 से अधिक डीप-टेक स्टार्ट-अप शुरू हुए हैं और बताया कि आज आत्मन सम्मेलन के दौरान 60 और स्टार्टअप को शामिल किया जाएगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आत्मन को एक अनूठी पहल बताया क्योंकि आत्मन साझेदार कृषि स्टार्टअप्स और नवाचारों के लिए एक विशेष मंच उपलब्ध कराने के लिए एक टीम के रूप में मिलकर काम कर रहे हैं और इनमें से कुछ प्रौद्योगिकियों को कार्यक्रम के दौरान आयोजित एक्सपो में प्रदर्शित किया गया है। यह कार्यक्रम अवधारणा, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षण और बाजार प्रवेश के प्रमाण के लिए बेहतरीन विचारों, नवाचारों और प्रौद्योगिकियों के साथ वित्तीय और तकनीकी सहायता के साथ संभावित स्टार्टअप की मदद करने के लिए आयोजित किया गया। आईआईटी बॉम्बे, रोपड़, इंदौर और खड़गपुर में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब सामूहिक रूप से प्रत्येक स्टार्टअप को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कुल 20 करोड़ रुपये के फंड की पेशकश कर रहे हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान” के अनुरूप चार टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब कृषि क्षेत्र को बदलने के लिए एडवांस्ड डीप टेक्नोलॉजी प्रौद्योगिकियों को विकसित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये डेटा-आधारित निर्णय लेने, स्वचालन और कृषि कार्य-प्रणालियों में सटीकता को सक्षम कर सकते हैं, अंततः कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण और सुधार में योगदान दे सकते हैं।
हालांकि, डॉ. जितेंद्र ने बताया कि भारत में कृषि क्षेत्र जलवायु परिवर्तन, फैग्मेन्ट भूमि और संसाधनों की कमी जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि उपयुक्त तकनीकी उपायों को कार्यान्वित करके भारत उत्पादकता बढ़ाने, नुकसान को कम करने और इस क्षेत्र की समग्र दक्षता में सुधार के लिए अपनी कृषि पद्धतियों का आधुनिकीकरण कर सकता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के पारंपरिक क्षेत्र, कृषि क्षेत्र में तकनीकी उपायों को अपनाने, इसका आधुनिकीकरण करने, चुनौतियों से निपटने, स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ने और वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर विचार विमर्श करने का यह सही समय है।
सीएसआईआर के नेतृत्व वाले लैवेंडर मिशन की सफलता का उल्लेख किया जिसने कई किसानों के जीवन को बदला है और डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री ने मन की बात के 99वें संस्करण में सीएसआईआर-अरोमा मिशन के तहत जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के भद्रवाह में लैवेंडर की खेती में किसानों की सहायता के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (सीएसआईआर-आईआईआईएम) के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि किसान दशकों से पारंपरिक मक्का की खेती में लगे हुए थे, लेकिन कुछ किसानों ने कुछ अलग करने का सोचा। उन्होंने फूलों की खेती की ओर रुख किया। आज यहां करीब ढाई हजार किसान लैवेंडर की खेती कर रहे हैं। इन्हें केंद्र सरकार के अरोमा मिशन के माध्यम से हर संभव सहायता प्रदान की गई। इस नई खेती ने किसानों की आय में बहुत वृद्धि की है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि लगभग तीन से चार हजार लोग लैवेंडर की खेती कर रहे हैं और लैवेंडर ऑयल की बिक्री व विपणन करके लाखों रुपये कमा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस युवा दल के 70 प्रतिशत लोग स्नातक भी नहीं हैं, लेकिन उनके पास कम आय पैदा करने वाले मक्का की खेती से लैवेंडर में जाने के लिए प्रतिभा और जोखिम लेने की क्षमता है।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचारों ने पिछले 6-7 वर्षों में एक नए आयाम की दिशा में काम किया है और आशा व्यक्त की कि आने वाले दिनों में एसटीआई समाधानों से कृषि क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता ने बताया कि डीएसटी के इंटरडिसप्लीनरी साइबर फिजिकल सिस्टम (एनएम-आईसीपीएस) पर राष्ट्रीय मिशन के तहत स्थापित 25 नवाचार केंद्रों में से चार प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र आत्मन में 20 प्रमुख कृषि-तकनीकी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
आत्मन 2023 कार्यक्रम की योजना नवाचार व उद्यमिता को बढ़ावा देने और एग्रीटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम का समर्थन करने के लिए बनाई गई थी ताकि एग्री टेक स्टार्टअप की संख्या, सफलता दर और प्रभाव को बढ़ाया जा सके। इसने सरकार, उद्योग और शिक्षाविदों के हितधारकों के साथ-साथ किसान उत्पादक संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों की भागीदारी को भारत में एग्रीटेक नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए डीएसटी की दृढ़ प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के वाशिम में 3695 करोड़ रुपये की 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
पिछले 9 वर्षों में वाशिम जिले में विदर्भ और मराठवाड़ा को जोड़ने वाले 227 किमी राजमार्ग नेटवर्क का निर्माण किया गया है। महाराष्ट्र के अकोला से तेलंगाना के संगारेड्डी तक 4 लेन राष्ट्रीय राजमार्ग-161 दोनों राज्यों के बीच व्यापार संबंधों को और दृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हांगझोऊ में एशियाई खेल 2022 में टेनिस स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी की पुरुष युगल जोड़ी को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने X पर अपने संदेश में कहा:
“अच्छी खबर। हमारे टेनिस खिलाड़ियों को धन्यवाद। एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने पर रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी की हमारी पुरुष युगल जोड़ी को बधाई। उनके असाधारण टीम वर्क ने हम सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। उनके भावी प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।”
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