14 अक्टूबर को थाना रायपुर पुलिस तथा एसओजी की संयुक्त टीम के द्वारा जनपद देहरादून तथा हरिद्वार में नकली दवाओं की फैक्ट्री पर छापा मारते हुए भारी मात्रा में नकली दवाओं को बरामद किया गया था, जिसमें मुख्य अभियुक्त सचिन शर्मा की गिरफ्तारी की गई थी। अभियुक्त द्वारा अपनी कंपनी एसएस मेडीकोज के माध्यम से जिन फार्मों को नकली दवाओं की सप्लाई की गई थी उनके सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गई, जिसमें पुलिस को सचिन शर्मा के नाम से रजिस्टर्ड फर्म एसएस मेडीकोज के द्वारा माह सितम्बर में दिल्ली की तीन कंपनियों 01- भारत मेडीकोज, 02- श्री बालाजी मेडीकोज तथा 03- आर0जी0फार्मा को लगभग 01 करोड़ 85 लाख रू0 की नकली दवाइयां सप्लाई किये जाने की जानकारी मिली थी।दिल्ली स्थित उक्त तीनों कंपनियों में छापेमारी की कार्यवाही करते हुए नकली दवाओं की सप्लाई से सम्बन्धित दस्तावेज प्राप्त किये गये। जिसमें श्री बालाजी फार्मा तथा आर0जे0 फार्मा से प्राप्त दस्तावेजों से एस.एस0 मेडीकोज द्वारा श्री बालाजी फार्मा को लगभग 97 लाख रू0 तथा आर0जे0 फार्मा को लगभग 28 लाख रू0 मूल्य की कीमत की नकली दवाइयां सप्लाई किया जाना ज्ञात हुआ।
एक अन्य कम्पनी भारत मेडीकोज दिल्ली में छापेमारी के दौरान उक्त कंपनी के मालिक भरत अरोड़ा द्वारा सचिन शर्मा की कंपनी एसएस मेडीकोज से लगभग 60 लाख रू0 मूल्य की दवाइयां क्रय किये जाने से सम्बन्धित दस्तावेज उपलब्ध कराये गये। जिनमें से लगभग 40 लाख रू0 मूल्य की दवाइयों को भारत मेडीकोज द्वारा लखनऊ, दिल्ली, बनारस, सिलिगुडी तथा बिहार में विभिन्न स्थानों पर बेचना पाया गया। शेष 20 लाख रू0 मूल्य की नकली दवाइयों को पुलिस द्वारा उनके गोदाम से जब्त किया गया। पूछताछ में तीनों कंपनियों के मालिकों द्वारा उक्त दवाओं की खेप को सचिन शर्मा द्वारा वाल्टर बुशनेल कंपनी तथा जगसन पाल कंपनी के नाम से विक्रय किया जाना बताया गया। जिन्हें मौके पर नोटिस देकर बयान हेतु देहरादून बुलाया गया है।
बता दें, देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि नकली दवा रैकेट के देशव्यापी नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए प्रकरण की तह तक जाना पुलिस की प्राथमिकता है, अभियुक्तों द्वारा सप्लाई की गई नकली दवाओं को आम जन तक पहुंचने से रोकने तथा उक्त दवाइयों की बरामदगी के प्रयास किये जा रहे हैं। रैकेट में शामिल किसी भी अपराधी को नहीं बख्शा जायेगा।