देहरादून (1 दिसंबर): वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन के चौथे दिन मुख्य अतिथि राज्यपाल उत्तराखंड गुरमीत सिंह, विशिष्ट अतिथि किरेन रिजिजू केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री सहित अनेक अनेक लोग शामिल हुए।
छठवें विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रभावी उपाय किये हैं, और अब आज दुनिया के देश भी भारत की तरफ देखते हैं। देश के साथ ही भारत विदेशों में भी आपदा के दौरान मदद करने में सक्रिय रहता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार निश्चित रूप से बधाई की पात्र है।
आपदा प्रबंधन पर आयोजित वर्ल्ड कांग्रेस समापन अवसर पर दून डिक्लेरेशन पेश किया गया। इस पर उन्होंने कहा कि सम्मेलन के इस घोषणा को केंद्रीय योजनाओं में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज यदि रिक्टर पैमाने पर सात मैग्नीट्यूड का भूकंप भी आता है तो अधिक नुकसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक विधि का उपयोग कर भूगर्भ में हो रही हलचल के अध्ययन से भूकंप का और भी पहले पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, बदलते परिवेश और जलवायु परिवर्तन का असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे समुद्र तटों पर बेस क्षेत्रों को खतरा लगातार बढ़ रहा है।
रिजिजू ने कहा कि आज हम तकनीकी मदद से वेदर फोरकास्ट तो कर लेते हैं, साथ ही हमारा शोध और प्रयास वेदर मैनेजमेंट पर होना चाहिए।
Related posts:
- छठा विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन ग्राफ़िक एरा देहरादून में, रेजिलिएंट इंडिया पुस्तक का मुख्यमंत्री करेंगे विमोचन
- जिलाधिकारी स्वाति ने वीडियो काॅन्फ्रेसिंग से दी मुख्यमंत्री को रैणी आपदा की ताज़ा रिपोर्ट
- मॉनसून आते ही उत्तराखंड में आपदाओं का दौर शुरू, सीएम ने की आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक , 3 महीने तक छुट्टियां कैंसिल
- उत्तराखण्ड को मिलेगी एक नई पहचान : मुख्यमंत्री धामी
- 29 September: आज के ताज़ा समाचार
- सिल्क्यारा अभियान: बचाव कार्य का सामान था घर पर, परन्तु आपाधापी में मंगाया बाहर से