पौराणिक नगरी काशीपुर को विकसित बनाने के लिए केडीएफ आईआईएम के विशेषज्ञों की मदद लेगा। जानकारों की राय लेकर नए उद्योग स्थापित करने, पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर पैदा करने और शिक्षा का हब बनाने के लिए स्थानीय स्कूलों के प्रबंधन को बेहतर बनाया जाएगा। इससे काशीपुर राज्य के अग्रणी शहरों में अपने आप को स्थापित कर सकेगा।
रविवार को द्रोणसागर स्थित द्रोण पार्क में केडीएफ के अध्यक्ष राजीव घई के नेतृत्व में आईआईएम के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। राजीव घई ने बताया कि काशीपुर को हर क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ाना है, युवाओं का भविष्य कैसे संवारना है, इस पर आईआईएम के निदेशक कुलभूषण बलूनी, प्रोफेसर विवेक राय, प्रोफेसर डॉ. धीरज के साथ गहन मंथन किया गया। आईआईएम के विशेषज्ञ काशीपुर को विकसित करने के लिए हर संभव मदद करने को तैयार हैं। बताया कि द्रोणसागर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
इससे कुमाऊं में आने वाले पर्यटक काशीपुर में आ सकेंगे और सकारात्मक अनुभव लेकर लौटेंगे। बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में स्थानीय स्कूलों का प्रबंधन आईआईएम की मदद से उच्च स्तर का बनाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर स्कूलों के शिक्षकों की ट्रेनिंग कराई जाएगी। स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कोर्स विकसित किए जाएंगे। ताकि यहां के छात्र-छात्राएं भी आईएएस जैसे बड़े कोर्स करेंगे। बताया कि नए औद्योगिक इकाईयां को स्थापित करने के लिए बड़े स्तर पर प्लान तैयार किया जाएगा। इससे रोजगार के मामले में काशीपुर सबसे आगे रहेगा। इस मौके पर उद्योगपति योगेश जिंदल, देवेंद्र कुमार अग्रवाल, डॉ. एसपी गुप्ता, डॉ. बीएम गोयल, प्रमोद अग्रवाल, डॉ. केके अग्रवाल, अरविंद शर्मा, अनुराग अग्रवाल, पंकज अरोरा, डॉ. अनिल अग्रवाल आदि मौजूद थे।
शहर की चार बड़ी समस्याओं का किया जिक्र
द्रोण पार्क में हुई बैठक के दौरान केडीएफ के पदाधिकारी शहर में जाम की समस्या, कूड़ा निस्तारण, जल भराव और फ्लाइओवर की समस्या पर चिंतित दिखे। उन्होंने कहा कि शहर को विकसित करने के लिए सभी को आगे आना होगा। समस्याओं का निस्तारण करवाने के लिए केडीएफ हर मंच तक पहुंचेगा।
मेडिकल कॉलेज के लिए करेंगे प्रयास
केडीएफ के अध्यक्ष राजीव घई ने बताया कि काशीपुर में स्वास्थ्य सुविधाएं को बेहतर किया जाना है। एम्स काशीपुर में बनता था, किसी वजह से नहीं बन सका। भविष्य में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए प्रयास करते रहेंगे।