उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को राज्य के सिंचाई विभाग के अधिकारियों को मास्टर ड्रेनेज प्लान और शहरों की बाढ़ योजना ज़ोनिंग पर काम में तेजी लाने के निर्देश दिए । उन्होंने बुधवार को यहां सचिवालय में सिंचाई विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए यह बात कही। बांधों से गाद निकालने और जल स्तर बढ़ाने के लिए ड्रेजिंग सिस्टम के लिए दो महीने के भीतर एक ठोस योजना तैयार कर प्रस्तुत करने के साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने पिंडर और कोसी नदियों को जोड़ने के लिए राज्य स्तर पर की जाने वाली सभी कार्रवाई में तेजी लाने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में शुद्ध पानी जाए, इसके लिए ऐसे नालों को भी चिह्नित किया जाए जहां एसटीपी स्थापित नहीं हैं। घाटों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ सुरक्षा कार्यों में तेजी लाई जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने एवं नहरों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना एवं सौंग बांध पेयजल परियोजना पर जल्द कार्य शुरू किया जाए, इसके लिए सितम्बर माह तक सभी कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए। जमरानी बांध परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में 710 करोड़ रुपए का बजट प्रावधानित किया गया है। इस परियोजना से हल्द्वानी शहर एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों को 117 एमएलडी पेयजल उपलब्ध होगा तथा लगभग 57 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित होगी, जबकि सौंग बांध परियोजना से वर्ष 2053 तक देहरादून शहर एवं उपनगरीय क्षेत्रों की अनुमानित आबादी को 150 एमएलडी गुरुत्व पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित होगी। सौंग बांध हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में 300 करोड़ रुपए का बजट प्रावधानित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि नैनीताल जिले के बलियानाला भूस्खलन क्षेत्र का ट्रीटमेंट कार्य, चमोली जिले के हल्दापानी लॉ कॉलेज के पास भूस्खलन और भूस्खलन की रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक कार्य तथा पिथौरागढ़ के धारचूला विकासखंड में ग्वालगांव भूस्खलन ट्रीटमेंट कार्य जल्द पूरा किया जाए। बैठक में बताया गया कि स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने, पर्यटन विकास, मत्स्य पालन और भूजल संवर्धन के लिए पिथौरागढ़ में थरकोट झील, चंपावत में कोलीढेक झाल और अल्मोड़ा में गगास नदी पर जलाशय का निर्माण किया गया है। धारचूला में काली नदी पर स्थित घटगाड़ नाले से भारत-नेपाल पुल तक तटबंध सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया है। राज्य के 14 महत्वपूर्ण शहरों में ड्रेज योजना पर काम किया जा रहा है, देहरादून का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।