देहरादून, 28 सितम्बर। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी और वैली ऑफ वर्ड्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन एवं राजभाषा पखवाड़े ‘शब्दावली’ के दूसरे दिन साहित्यिक कृतियों पर गहन चर्चा हुई। इस दौरान प्रख्यात लेखकों, कवियों, अनुवादकों और साहित्य प्रेमियों ने कई महत्वपूर्ण पुस्तकों और उनमें निहित विचारों पर चर्चा की।
आज की चर्चा में ‘विचारों के शिल्पी: भगत सिंह का बौद्धिक ज्ञान’, ‘अंबर परियां’, ‘अमृतत्व की ओर’, ‘अखंडता के प्रतीक: गुरु नानक’, और ‘सृजनशीलता का स्त्री विमर्श’ जैसी महत्वपूर्ण पुस्तकों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। वरिष्ठ कवि लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने ‘विचारों के शिल्पी: भगत सिंह का बौद्धिक ज्ञान’ पुस्तक में भगत सिंह की सोच और उनके दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान डॉ. संजीव चोपड़ा ने भगत सिंह को एक विचारशील नेता के रूप में वर्णित किया।
‘अंबर परियां’ पुस्तक के अनुवादक सुबोध नीरव ने इसे जादुई यथार्थवाद का प्रमाण बताया, जबकि लेखक बलवंत सिंह ने पुस्तक से जुड़े कई रोचक प्रसंग साझा किए। वहीं, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी और डॉ. सुधा रानी पांडेय ने ‘अमृतत्व की ओर’ पुस्तक के नए युग में महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर ‘अखंडता के प्रतीक: गुरु नानक’ पुस्तक के लेखक अमरदीप सिंह ने गुरु नानक की शिक्षाओं और उनकी जीवनशैली के प्रेरणादायक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
शब्दावली के दूसरे दिन की इस विचार मंथन सभा में देश-विदेश से कई ख्यातिप्राप्त लेखक और विद्वान शामिल हुए। दिल्ली से सुबोध नीरव, ममता किरण, अंजुम शर्मा और उपासना, गोवा से रमिता गुरव, बरेली से प्रभात सिंह, अरुणाचल प्रदेश से ज़ोरम यालाम नाबाम, सिंगापुर से अमरदीप सिंह, भोपाल से निलेश रघुवंशी, और देहरादून से डॉ. सुधा रानी पांडेय, बीना बेंजवाल, डॉ. संजीव चोपड़ा, सोमेश्वर पांडेय, डॉ. सुशील उपाध्याय, और रश्मि चोपड़ा प्रमुख रूप से शामिल हुए।
दूसरे सत्र में लेखकों और विद्वानों के बीच इस पर विचार-विमर्श हुआ कि नई पीढ़ी को इन साहित्यिक कृतियों से क्या सिखाया जा सकता है और किस प्रकार उनके जीवन में यह साहित्यिक दृष्टिकोण एक सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
इस अवसर पर ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डॉ. संजय जसोला ने घोषणा की कि इन चर्चित पुस्तकों सहित अन्य महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियों को विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में जोड़ा जाएगा ताकि छात्र इनका अध्ययन कर सकें और प्रेरणा प्राप्त कर सकें। उन्होंने छात्रों से अधिक से अधिक पुस्तकों का अध्ययन करने और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का आग्रह किया।
शाम को ‘शब्दावली’ की संगीतमयी प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। टीम आईना द्वारा एक नाट्य प्रस्तुति दी गई, जबकि प्रसिद्ध बांसुरी वादक श्री सूरज कुमार ने अपनी बांसुरी वादन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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