देहरादून: उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशानुसार, शिक्षा विभाग ने लंबे समय से बीमार और अनुपस्थित शिक्षकों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को लेकर कड़े कदम उठाए हैं। इस संबंध में शिक्षकों की समीक्षा के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है।
उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षा के निदेशक लीलाधर व्यास ने जानकारी देते हुए कहा कि इस स्क्रीनिंग कमेटी के अंतर्गत सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों और मंडलीय अपर निदेशकों को समीक्षा और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कमेटी द्वारा 50 वर्ष से अधिक आयु के शिक्षकों और अन्य कार्मिकों के सेवा रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।
व्यास ने आगे बताया कि इस प्रक्रिया के तहत शिक्षकों की कार्यक्षमता का आकलन किया जाएगा और आवश्यकतानुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति के फैसले लिए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना और अनुपस्थित शिक्षकों की समस्या का समाधान करना है।
इस कदम से राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव आने की उम्मीद है।