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मक डंपिंग को लेकर मुख्य सचिव ने दिए यह निर्देश

मक डंपिंग को लेकर मुख्य सचिव ने दिए यह निर्देश

उत्तराखंड में जिलाधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर अपने क्षेत्रों में मलबा निस्तारण के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। मानसून के दौरान भूस्खलन और सड़क निर्माण परियोजनाओं से उत्पन्न मलबे के सुव्यवस्थित निस्तारण के लिए यह कदम उठाया गया है। यह निर्देश प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के साथ हुई बैठक में दिया गया।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से आगामी पांच वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मलबा निस्तारण के लिए “मक डंपिंग जोन” चिन्हित करने और सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। इसके लिए राजस्व भूमि को प्राथमिकता देने, और आवश्यकता पड़ने पर वन भूमि का चयन करने को कहा गया है।

इसके साथ ही एजेंसियों को सख्त हिदायत दी गई है कि मलबे का निस्तारण केवल निर्धारित स्थानों पर ही किया जाए, और नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पहले से चिन्हित डंपिंग जोन भरने की स्थिति में उनके विस्तार की संभावनाओं का अध्ययन करने का निर्देश भी दिया गया है।

मुख्य सचिव ने इन स्थानों पर हरित पट्टियां विकसित करने के साथ बांस और तेजी से बढ़ने वाले वृक्ष लगाने का भी सुझाव दिया, जो भविष्य में क्रैश बैरियर के रूप में काम आ सकते हैं।

उत्तराखंड में अगले पांच वर्षों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुल 81.99 हेक्टेयर भूमि की

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