देहरादून, 11 नवम्बर। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन यानी प्रदूषण रोकने की नई तकनीकों पर मंथन किया गया। वैज्ञानिकों ने प्रदूषण न्यूनतम करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आईसी इंजन्स, प्रोपल्शन एण्ड कम्बश्चन पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आखिरी दिन आज केन्द्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक डॉ० किरण कुमार चल्ला ने सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि आईसी इंजन की कम्बश्चन प्रक्रिया में अमोनिया को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ईंधन के रूप में यह बेहतरीन विकल्प है और यह वातावरण में प्रदूषण कम करता है। परिवहन में मिथेनाॅल मिटिगेशन व हाइड्रोजन पर आधारित इंधन वैकल्पिक इंधन के रूप में उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने कहा कि नेट जीरो हासिल करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि शिक्षा, उद्योग, नीति निर्माण से जुड़े लोगों को मिलकर कार्य करना चाहिए। डॉ० चल्ला ने डीएसटी की गतिविधियों व परियोजनाओं की भी जानकारी दी।
सम्मेलन के तकनीकी सत्र में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अनुसंधान एवं नवाचार केन्द्र के पूर्व निदेशक डॉ० वी. रामानुजाचारी ने कहा कि रोटेटिंग डिटोनेशन वेव इंजन (आरडीई) रूक-रूक कर होने वाली कम्बश्चन प्रक्रिया के अन्दर आता है। इसकी फ्रीक्वेंसी 5 से 10 किलो हर्ट्ज होती है। आरडीई की थर्मोडायनेमिक क्षमता ब्रेटन साइकिल से तकरीबन 20 प्रतिशत तक अधिक होती है। इसकी यह खासियत प्रोपल्शन सिस्टम में इसको और भी ज्यादा उपयोगी बनाती है। उन्होंने कहा कि देश में ही विकसित एच2-एयर सिस्टम 5 हजार न्यूटन का थ्रस्ट पैदा करके 5 किलोग्राम पर सेकंड का फ्लो रेट देता है। हथियारों में इसके उपयोग पर प्रयोग किए जा रहे हैं।
सम्मेलन में साउथ ईस्ट टेक्नोलाॅजिकल यूनिवर्सिटी आयरलैण्ड के डॉ० आशीष वशिष्ठ ने कहा कि दो तरह के इंधन से मिलकर तैयार किए गए इंधन ऊर्जा उत्पादन में सुधार लाने में मददगार साबित होंगे। यह इंधन पर्यावरण में प्रदूषण की समस्या से निपटने के साथ ही आर्थिक तौर पर भी लाभदायक हैं।
सम्मेलन में आज 50 शोधपत्र पढ़े गए और चार तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। इन सत्रों की अध्यक्षता इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैट्रोलियम देहरादून के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ० राज कुमार सिंह, आप्टो इलैक्ट्रानिक्स देहरादून के महाप्रबन्धक नितिश गोयल, के. आर. मंगलम यूनिवर्सिटी हरियाणा के डॉ० प्रभाकर भण्डारी, श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी की डॉ० प्रियंका त्यागी और स्टाॅक बाक्स टेक्नोलाजीस के सीईओ डॉ० सुशान्त सिंह ने की।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी ने दा कम्बश्चन इंस्टीट्यूट – इण्डियन सेक्शन के सहयोग से किया। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन सचिव व ग्राफिक एरा के डिपार्टमेण्ट ऑफ एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के एचओडी डॉ० सुधीर जोशी ने आभार व्यक्त किया। सम्मेलन में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ० नरपिंदर सिंह, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ० संजय जसोला, देश-विदेश से आये वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं के साथ शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे। संचालन डॉ० पुनीत गुप्ता ने किया।
Related posts:
- ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ ही कार्बन उत्सर्जन रोकना महत्वपूर्ण: डॉ० सोमनाथ
- ग्राफिक एरा में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, वैकल्पिक ईंधन की क्षमता बढ़ाने पर जोर
- आईसी इंजन, प्रोपल्शन एण्ड कम्बश्चन विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन नौ नवंबर से, शीर्ष वैज्ञानिक करेंगे शिरकत
- छठा विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन ग्राफ़िक एरा देहरादून में, रेजिलिएंट इंडिया पुस्तक का मुख्यमंत्री करेंगे विमोचन
- ग्राफिक एरा द्वारा रतूड़ा में जागरूकता सम्मेलन, ग्रामीणों को सिखाएं संक्रमण से बचने के तरीके
- गांवों में अलख जगाने पहुंचा ग्राफिक एरा पेंडुला गांव में सिखाये संचारी रोगों से बचाव के तरीके