बिहार में गजब कारनामा
बिहार के एक सरकारी स्कूल में तैनात एक शिक्षक को एक अजीब और चौंकाने वाली स्थिति का सामना करना पड़ा, जब उसे गर्भवती बताकर मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) दे दिया गया। इस मामले में शिक्षा विभाग ने इसे तकनीकी कारणों से हुआ एक गलती बताया है। इस शिक्षक को फिलहाल छह महीने का अवैतनिक अवकाश (अनपेड लीव) दिया गया है।
यह मामला बिहार के वैशाली जिले के महुआ प्रखंड स्थित हसनपुर ओस्ती उच्च माध्यमिक विद्यालय से जुड़ा है, जहां बीपीएससी से नियुक्त शिक्षक जितेंद्र कुमार को मातृत्व अवकाश पर भेज दिया गया है। इस घटनाक्रम ने पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना दिया है। खास बात यह है कि एक पुरुष शिक्षक को गर्भवती बताकर मातृत्व अवकाश का लाभ दिया गया, जिससे लोग हैरान और चकित हैं।
जानकारी के अनुसार, जितेंद्र कुमार सिंह 1 नवंबर से मातृत्व अवकाश पर हैं। उन्होंने 30 अक्टूबर को जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और स्कूल प्रबंधन को आवेदन दिया था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी की तबीयत खराब होने के कारण 6 महीने का अवैतनिक अवकाश स्वीकृत करने की मांग की थी। जबकि उनका अवकाश चिकित्सा कारणों से था, शिक्षा विभाग की प्रणाली ने गलती से इसे मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) के रूप में दर्ज कर दिया, जिससे यह मामला विवादों में आ गया।
इस मामले में एक और दिलचस्प बात यह है कि जितेंद्र कुमार की पत्नी निधि कुमारी भी एक सरकारी शिक्षिका हैं और वह लोदीपुर उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हैं। उन्होंने भी अपनी तबीयत खराब होने के कारण अवकाश लिया था, और जितेंद्र ने इस आधार पर छुट्टी की मंजूरी ली थी। लेकिन तकनीकी गलती के कारण इस अवकाश को मातृत्व अवकाश के रूप में घोषित कर दिया गया।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अर्चना कुमारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक तकनीकी गड़बड़ी है। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर एक तकनीकी खामी के कारण यह गलती हुई, जिससे एक पुरुष शिक्षक को मातृत्व अवकाश दे दिया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार का अवकाश केवल महिलाओं को दिया जाता है, और यह कोई मानवीय भूल नहीं, बल्कि एक तकनीकी समस्या थी। इस घटना के बाद जिला शिक्षा परियोजना को सभी जानकारी दी गई है, और जल्द ही इसे सुधारने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने इस मामले में पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्होंने स्कूल के प्रधानाध्यापक से इस संदर्भ में स्पष्टीकरण मांगा है। डीईओ ने यह भी स्पष्ट किया कि स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षक जितेंद्र कुमार के खिलाफ विभागीय और अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि यह गलत जानकारी प्रधानाध्यापक के द्वारा कोष पोर्टल पर दर्ज की गई थी।
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