उत्तराखंड से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 16 वर्षीय किशोरी ने नवजात बच्चे को जन्म दिया। मामला तब प्रकाश में आया जब प्रसव पीड़ा के दौरान किशोरी का पति उसे सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचा।
आधार कार्ड ने किया खुलासा
अस्पताल प्रशासन ने नवजात की जानकारी रजिस्टर में दर्ज करने के लिए किशोरी और उसके पति का आधार कार्ड मांगा। जांच में पता चला कि महिला केवल 17 साल की है। चूंकि भारत में विवाह की कानूनी उम्र लड़कियों के लिए 18 वर्ष है, अस्पताल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचित किया।
पति गिरफ्तार
पुलिस ने 17 वर्षीय नाबालिग के साथ शादी और शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में किशोरी के पति को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले का निवासी है और कुछ समय पहले नाबालिग पत्नी को लेकर ऋषिकेश में मजदूरी करने आ गया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म की धाराओं में मामला दर्ज किया।
पुलिस का बयान
एसएसआई विनोद कुमार ने बताया कि आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। जच्चा और बच्चा फिलहाल परिजनों के पास सुरक्षित हैं।
भारत में विवाह की न्यूनतम आयु
भारत में लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष है। इस मामले में नाबालिग के साथ शादी करने और कानून का उल्लंघन करने के आरोप में आरोपी पर कार्रवाई की गई।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था बल्कि समाज में बाल विवाह जैसी समस्याओं पर भी सवाल उठाती है।