प्रदेश सरकार ने सरकारी और अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी पहल करते हुए मेडिकल, इंजीनियरिंग और क्लैट की मुफ्त कोचिंग देने की घोषणा की है। इसके लिए देश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के साथ एमओयू प्रक्रिया चल रही है। उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक डॉ. अंजू अग्रवाल ने बताया कि प्रस्ताव तैयार हो चुका है और नए शिक्षा सत्र से मुफ्त कोचिंग की सुविधा शुरू हो जाएगी।
राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में होगी ऑफलाइन कोचिंग
सरकारी और अशासकीय विद्यालयों के कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को आवासीय राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में ऑफलाइन कोचिंग दी जाएगी। इन विद्यालयों को “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रवेश के लिए कोचिंग प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिससे योग्य विद्यार्थियों को वरीयता के आधार पर चुना जाएगा।
तीन संवर्गों में बंटेगी प्रवेश परीक्षा
- 11वीं कक्षा के छात्र: दो साल की कोचिंग और एक साल की अतिरिक्त हैंड होल्डिंग।
- 12वीं कक्षा के छात्र: एक साल की कोचिंग और एक साल की अतिरिक्त हैंड होल्डिंग।
- 12वीं पास छात्र-छात्राएं: एक साल की कोचिंग और हैंड होल्डिंग।
इन छात्रों को मिलेगा फायदा
- 300 छात्रों को IIT कोचिंग
- 300 छात्रों को NEET कोचिंग
- 300 छात्रों को CLAT कोचिंग
सभी कोचिंग कक्षाएं सप्ताह में प्रतिदिन दो घंटे (शाम 5 से 7 बजे तक) ऑफलाइन माध्यम से संचालित की जाएंगी। इस योजना में राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भी शामिल किया जाएगा।
कोचिंग संस्थानों ने दिया प्रस्तुतिकरण
देश के कई प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान इस योजना के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुतिकरण दे चुके हैं। वे अपनी सेवा शर्तों और सुविधाओं की जानकारी दे चुके हैं।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
डॉ. अंजू अग्रवाल ने कहा,
“छात्र-छात्राओं को मुफ्त कोचिंग के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। अब कोचिंग संस्थानों के साथ एमओयू की प्रक्रिया चल रही है।”
यह योजना प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक अवसरों को बढ़ावा देने और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।