आज, 05-03-2025 को पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, ऋषिकेश में देव भूमि उद्यमिता योजना (DUY) के अंतर्गत एक उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित किया गया। डीयूवाई इंडस्ट्री मेंटर दीपक चौहान ने छात्रों को नवाचार और व्यवसाय विकास की महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के उद्यमशीलता कौशल को विकसित करना और उन्हें व्यावसायिक चुनौतियों के लिए तैयार करना था।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों को 8 टीमों में विभाजित किया गया। उन्होंने अपने नवाचारी व्यावसायिक विचार, लोगो, स्लोगन और मार्केटिंग रणनीति प्रस्तुत की। छात्रों ने अपने स्टार्टअप आइडियाज की पूरी परियोजना प्रस्ताव रिपोर्ट तैयार की और उसका प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने कहा कि टीम वर्क से ही उद्यमिता हासिल की जा सकती है। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर खुलकर चर्चा की गई, जिससे प्रतिभागियों में आत्मविश्वास बढ़ा।
इसके अलावा, कार्यक्रम में एक प्रेरणादायक वीडियो दिखाया गया जिसमें सफल उद्यमियों की कहानियाँ साझा की गई। इस वीडियो के माध्यम से छात्रों को यह समझाने का प्रयास किया गया कि संघर्ष, नवाचार और सही रणनीति किसी भी स्टार्टअप को सफल बना सकती है।
श्री त्रिलोक नारायण ने छात्रों को व्यवसाय की बारीकियों से अवगत कराया और बताया कि एक सफल उद्यमी बनने के लिए धैर्य, नवाचार और प्रबंधन कौशल की आवश्यकता होती है। उन्होंने वर्तमान बाजार की प्रवृत्तियों और भविष्य की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
नोडल अधिकारी प्रो० अनिता तोमर ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह छात्रों को रचनात्मकता और व्यावसायिक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने छात्रों को स्वरोजगार को अपनाने और अपनी उद्यमशीलता क्षमता को पहचानने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में उद्यमिता के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और नवाचार का बड़ा योगदान है। भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे छात्रों को व्यावसायिक चुनौतियों से निपटने और एक सफल उद्यमी बनने में सहायता मिलेगी। उन्हें व्यवसाय में अनुसंधान और नवीन विचारों के महत्व को समझाया।
प्रो० अनीता तोमर ने प्रतिभागियों से निरंतर अपने बिजनेस आइडिया पर कार्य करने की बात कही और बताया कि कर्म करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि 7 मार्च को उद्यमिता प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है जिसमें 45 वर्ष से कम आयु के कोई भी उद्यमी या भावी उद्यमी भाग ले सकते हैं।
इस मौके पर डॉ० शालिनी रावत ने छात्रों को नवाचार को अपनाने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। प्रो० धर्मेंद्र तिवारी ने भी छात्रों को संबोधित किया और भावी उद्यमियों को उद्यमिता एवं व्यवसाय के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। प्रो० तिवारी ने कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट, कस्टमर लॉयल्टी, साइकोलॉजिकल एवं इमोशनल अटैचमेंट विद प्रोडक्ट एंड सर्विसेज पर बात की। इस अवसर पर इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया कि हम जिस भूमिका में हैं उसका निर्वहन हमें बखूबी करना चाहिए, यही कामयाबी का सर्वोच्च माध्यम है।
कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को उद्योग जगत की आवश्यकताओं और स्टार्टअप संस्कृति की बारीकियों को समझने का अवसर मिला। प्रतिभागी छात्रों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम ने उन्हें न केवल व्यवसाय प्रबंधन और नवाचार की जानकारी दी, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया।
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