Tips: To Store Herbs Retaining their Potency
क्या आप अपने खाना पकाने में जड़ी-बूटियों का उपयोग करते हैं और उन्हें मुरझाते और खराब होते देखना पसंद नहीं करते? तुलसी, अजमोद और मेहंदी जैसी इतालवी जड़ी-बूटियाँ जिन्हें आप कभी-कभी अपने खाना पकाने में इस्तेमाल करते हैं, शायद इतनी बार इस्तेमाल न की जाएँ, वे काफी महंगी हैं और उन्हें जल्दी खराब होते या अपनी शक्ति खोते देखना मुश्किल है जब उन्हें ठीक से संग्रहीत नहीं किया जाता है।
उन्हें संरक्षित करने से उनकी आयु बढ़ाने में मदद मिलती है, आपको पैसे बचाने में मदद मिलती है, और आपको मौसम बीत जाने के बाद भी इन जड़ी-बूटियों के जीवंत स्वाद का आनंद लेने की अनुमति मिलती है। यहाँ इतालवी जड़ी-बूटियों जैसे तुलसी, अजमोद, मेंहदी, डिल, तारगोन और थाइम को लंबे समय तक उपयोग के लिए संरक्षित करने के सर्वोत्तम तरीके दिए गए हैं।
1. ताज़ी जड़ी-बूटियों के लिए टिप्स:
- नम पेपर में रखें: धनिया, पुदीना या अजमोद जैसी जड़ी-बूटियों को हल्के गीले पेपर टॉवल में लपेटकर एयरटाइट बैग में फ्रिज में रखें।
- पानी में स्टोर करें: तनों को काटकर उन्हें पानी के गिलास में रखें और प्लास्टिक से ढककर फ्रिज में रखें। तुलसी को फ्रिज के बजाय कमरे के तापमान पर रखें।
- पूरी रखें: जब तक इस्तेमाल न हो, जड़ी-बूटियों को न काटें ताकि उनकी खुशबू और स्वाद सुरक्षित रहें।
2. सूखी जड़ी-बूटियाँ:
- एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें: सूखी जड़ी-बूटियों को ग्लास कंटेनर में रखें और उन्हें नमी व हवा से बचाएं।
- ठंडी और अंधेरी जगह चुनें: इन्हें गर्मी और रोशनी से दूर रखें, जैसे स्टोव से हटकर अलमारी में।
- तारीख लिखें: 6-12 महीने के भीतर इस्तेमाल करने के लिए कंटेनर पर तारीख लगाएं।
3. जड़ी-बूटियों को फ़्रीज़ करें:
- आइस क्यूब ट्रे: कटी हुई जड़ी-बूटियों को ट्रे में रखें और ऊपर जैतून के तेल या पानी डालें। जमने के बाद क्यूब्स को स्टोर करें।
- फ़्लैश फ़्रीज़िंग: पत्तों को बेकिंग ट्रे पर जमाएं और फिर बैग में स्टोर करें। रोज़मेरी और थाइम के लिए यह एक शानदार तरीका है।
4. अन्य प्रीज़र्वेशन के उपाय:
- प्राकृतिक सुखाई: जड़ी-बूटियों को उल्टा लटकाकर सूखने दें और बाद में एयरटाइट जार में रखें।
- हर्ब-इनफ्यूज्ड ऑयल: ताज़ी जड़ी-बूटियों को तेल में डालकर रेफ्रिजरेटर में रखें।
- हर्ब बटर: कटी हुई जड़ी-बूटियाँ मक्खन में मिलाएं, रोल करें और फ़्रीज़ करें।
- पेस्टो या सॉस: पेस्टो बनाएं और आइस ट्रे में फ़्रीज़ करें।
Related posts:
- बेमौसम बारिश, बर्फबारी से हिमालय की जड़ी-बूटियां खतरे में
- देश में 75 हजार हेक्टेयर जमीन पर जड़ी-बूटियों की खेती की जायेगी
- पिथौरागढ़ जिले में जड़ी बूटी की खेती से जुड़ रहे किसान, पारंपरिक खेती की चुनौतियों से मिलेगी राहत
- मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में ली बड़ी बैठक,कही ये अहम बातें
- मुख्य सचिव एस.एस. संधु ने प्रदेश में जड़ी-बूटी के विकास के सम्बन्ध में ली बैठक
- अमृता यानी गिलोय वैश्विक मंच पर छा गया, पढ़िए कैसे?