ज्ञान को अनलॉक करना: दून विश्वविद्यालय ने अनुसंधान और नवाचार पर कार्यशाला
देहरादून (8 अप्रैल)। दून विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट और केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने किया गया। आयोजित कार्यशाला में 80 से अधिक शिक्षक, शोधार्थी और छात्र शामिल हुए।
कार्यशाला की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। विश्वविद्यालय के पुस्तकालय अध्यक्ष और कार्यक्रम के संयोजक डॉ० आशीष कुमार ने सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों और विशिष्ट अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने आज के शैक्षणिक परिदृश्य में शोध के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “ऐसे युग में जहां सूचना प्रचुर मात्रा में है, शैक्षणिक सफलता के लिए ऑनलाइन डेटाबेस महत्वपूर्ण है”। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला शैक्षणिक संसाधनों को इस्तेमाल करने, जरूरी आवश्यक कौशल और ज्ञान से सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है।
वर्चुअल माध्यम से जुड़े छात्र कल्याण और स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के डीन प्रो० एच सी पुरोहित ने नवाचार और शैक्षणिक उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने में अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों से उपलब्ध संसाधनों का अधिक से अधिक इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया।
विश्वविद्यालय कुलपति ने अपने संदेश के माध्यम से कहा कि “जैसे-जैसे हम डिजिटल युग में आगे बढ़ रहे हैं, शैक्षणिक सफलता के लिए ऑनलाइन डेटाबेस की उपलब्धता और अधिक से अधिक इस्तेमाल करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला शिक्षकों और छात्रों को सूचना उपलब्ध कराने और उपयोग करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।”
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ईबीएससीओ इन्फॉर्मेशन सर्विसेज (EBSCO Information Services) के वरिष्ठ प्रशिक्षण प्रबंधक रितेश कुमार का सत्र रहा। उन्होंने प्रतिभागियों को ऑनलाइन डेटाबेस के माध्यम से उपलब्ध संसाधनों को प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करना बताया। साथ ही उन्होंने शैक्षिक और शोध कार्यों हेतु सूचना का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के प्रभावी तरीकों को समझाया।
कार्यशाला का समापन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर गजेंद्र सिंह द्वारा दिए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। प्रो० सिंह ने ईबीएससीओ इन्फॉर्मेशन सर्विसेज के वरिष्ठ प्रशिक्षण प्रबंधक रितेश कुमार को उनकी व्यावहारिक प्रस्तुति के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने सभी उपस्थित प्रतिभागियों जिनमें डॉ० उदिता नेगी, डिप्टी लाइब्रेरियन – डॉ० रजनीश कुमार, डॉ० रमा बोरा और अन्य लोगों का कार्यक्रम की सफलता में योगदान देने के लिए आभार व्यक्त किया।
आयोजित कार्यशाला ने प्रतिभागियों को न केवल सीखने और सहयोग का मंच प्रदान किया, बल्कि दून विश्वविद्यालय शिक्षकों के बीच अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को भी सुदृढ़ किया।
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