देहरादून, 17 अक्टूबर। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में शिक्षण को लैंगिक रूप से संवेदनशील और समावेशी बनाने के लिए पाँच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों और विद्यार्थियों को सभी लैंगिक पहचान वाले लोगों के प्रति सम्मान और समान अवसर देने के लिए जागरूक करना था।
कार्यक्रम के समापन सत्र में प्रो. चांसलर डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि महिलाओं की भूमिका बहुत विविध है, इसे केवल 50-50 समानता तक सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हर संस्थान का दायित्व है कि वह एक सुरक्षित, सहज और समावेशी माहौल बनाए, जहाँ सभी छात्रों और कर्मचारियों को समान अवसर मिलें। ऐसा वातावरण न केवल सीखने की गुणवत्ता बढ़ाता है, बल्कि व्यक्तिगत और पेशेवर विकास को भी प्रोत्साहित करता है।
इस एफडीपी में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम के दौरान चर्चाएं, कार्यशालाएं और राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की गईं, जिनमें शिक्षण प्रणाली में लैंगिक संवेदनशीलता को अपनाने के व्यावहारिक और नीतिगत पहलुओं पर चर्चा हुई।
इस पहल का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर और बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने मिलकर किया।
कार्यक्रम में प्रो. वाइस चांसलर डॉ. संतोष एस. सर्राफ, रजिस्ट्रार डॉ. नरेश कुमार शर्मा, बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. रूपंक नागरिक, डॉ. भारती शर्मा सहित कई शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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