उत्तराखंड के डिग्री कॉलेजों में अब छात्रों को तकनीकी शिक्षा का भी अवसर मिलेगा। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप तकनीकी पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर ली है। इससे छात्रों को स्थानीय उद्योगों में रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकेंगे।
उद्योगों की जरूरत के मुताबिक बनेगा सिलेबस
राज्य के डिग्री कॉलेजों में ऐसे पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिनकी मांग स्थानीय स्तर पर मौजूद उद्योगों में सबसे अधिक है। इससे छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
उच्च शिक्षा उपनिदेशक डॉ. आर. एस भाकुनी, ने बताया कि उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कोर्स तैयार किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को उद्योगों से जोड़ना और उनके कौशल को रोजगारोन्मुख बनाना है।
कॉलज स्तर पर फुल टाइम ट्रेनिंग मिलेगी
नई पहल के तहत छात्रों को कॉलेज स्तर पर ही फुल-टाइम इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे वे पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए स्थानीय उद्योगों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) किए जाएंगे ताकि छात्रों को इंटर्नशिप और ट्रेनिंग के अवसर मिलें।
राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा लाभ
तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रमों के लागू होने से राज्य में रोजगार सृजन बढ़ेगा और स्थानीय स्तर पर तकनीकी कुशल जनशक्ति तैयार होगी।
सरकार का मानना है कि इस पहल से राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी और युवाओं का पलायन रुकेगा।
“राज्य के डिग्री कॉलेजों में उद्योगों की जरूरत के मुताबिक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इससे छात्रों को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।”
— डॉ. आर. एस भाकुनी, उपनिदेशक, उच्च शिक्षा
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