देहरादून: उत्तराखंड के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार प्रदेश में दो नए विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी कर रही है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि इन विश्वविद्यालयों की स्थापना से राज्य में उच्च शिक्षा के अवसरों का विस्तार होगा और युवाओं को रोजगार के नए रास्ते मिलेंगे।
डॉ. रावत ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं और इन्हें जल्द ही राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। मंजूरी मिलते ही विश्वविद्यालयों की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
दो नए विश्वविद्यालयों की विशेषताएं
राज्य में प्रस्तावित दो विश्वविद्यालयों में से —
- पहला विश्वविद्यालय कौशल विकास (Skill Development) पर आधारित होगा, जहां तकनीकी, व्यावसायिक और पेशेवर शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
- दूसरा विश्वविद्यालय विशेष रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों के बच्चों और अन्य बेसहारा छात्रों के लिए बनाया जाएगा, जहां उन्हें उच्च शिक्षा के साथ आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
बेसहारा बच्चों के लिए नई उम्मीद
राज्य सरकार का कहना है कि यह आवासीय विश्वविद्यालय उन बच्चों के लिए नई रोशनी बनेगा, जो सामाजिक या आर्थिक परिस्थितियों के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।
वर्तमान में प्रदेश में 244 निजी कॉलेज, 21 अशासकीय कॉलेज, और कई तकनीकी व आयुर्वेद संस्थान संचालित हैं। इन दो नए विश्वविद्यालयों के खुलने से उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था और अधिक सशक्त होने की उम्मीद है।
शिक्षा के साथ रोजगार की दिशा
मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को न केवल शिक्षित, बल्कि रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। कौशल आधारित शिक्षा से युवाओं को उद्योग, तकनीकी क्षेत्र और उद्यमिता में नए अवसर मिलेंगे।
अब सभी की नजरें कैबिनेट की मंजूरी पर टिकी हैं, जिसके बाद प्रदेश में उच्च शिक्षा का एक नया अध्याय शुरू होगा।