देहरादून स्थित वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) ने एक खास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबोट ‘डीपशिवा (DeepShiva)’ बनाने की दिशा में काम शुरू किया है। यह चैटबोट हिंदी समेत कई भारतीय भाषाओं में बातचीत करने में सक्षम होगा और आम लोगों को कृषि, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी जानकारी सरल भाषा में उपलब्ध कराएगा।
यह पहल राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) की प्रेरणा से शुरू की गई है। राज्यपाल का मानना है कि भारत को अपना ओपन सोर्स एआई चैटबोट विकसित करना चाहिए, जो अंतरराष्ट्रीय चैटबोट्स से बेहतर हो और भारतीय समाज की जरूरतों के अनुरूप काम करे।
राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता से होगा चयन
यूटीयू ने ‘डीपशिवा’ चैटबोट निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित की है, जिसमें देशभर के इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी संस्थानों के छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं।
पहले चरण में 152 टीमों ने भाग लिया था, जिनमें से 46 टीमों का चयन दूसरे चरण के लिए किया गया है।
अब नवंबर में इंडस्ट्री और उच्च शिक्षण संस्थानों के विशेषज्ञ इन प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करेंगे। इसके बाद अंतिम राउंड दिसंबर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें विजेता टीमों की घोषणा की जाएगी।
विजेताओं को मिलेगा नकद पुरस्कार
राज्यपाल द्वारा तीन सर्वश्रेष्ठ टीमों को कुल ₹10 लाख के पुरस्कार और सम्मान से नवाजा जाएगा —
- 🥇 प्रथम पुरस्कार: ₹5 लाख
- 🥈 द्वितीय पुरस्कार: ₹3 लाख
- 🥉 तृतीय पुरस्कार: ₹2 लाख
डीपशिवा: तकनीक से जनसेवा तक
यह चैटबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) पर आधारित होगा। इसका मकसद तकनीक को शोध और जनसेवा से जोड़ना है, ताकि गांव-गांव तक डिजिटल समाधान पहुंच सके।
प्रो. अमित अग्रवाल, निदेशक, इंजीनियरिंग कॉलेज गोपेश्वर एवं प्रतियोगिता के नोडल अधिकारी ने बताया—
“डीपशिवा चैटबोट प्रतियोगिता के पहले चरण से 46 टीमों को दूसरे चरण में स्थान मिला है। नवंबर में इंडस्ट्री विशेषज्ञ मूल्यांकन करेंगे और दिसंबर में राज्यपाल विजेताओं की घोषणा करेंगे।”
‘डीपशिवा’ के सफल विकास से उत्तराखंड और भारत दोनों को स्वदेशी एआई तकनीक के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी। यह परियोजना देश के युवाओं को न केवल नवाचार के लिए प्रेरित करेगी बल्कि डिजिटल भारत के विजन को और मजबूत बनाएगी।