मुख्यमंत्री धामी ने किया उत्तराखण्डी गीत “पैली-पैली बार” का विमोचन

मुख्यमंत्री धामी ने किया उत्तराखण्डी गीत “पैली-पैली बार” का विमोचन

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्डी लोकगीत “पैली-पैली बार” का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी लोक गायकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह गीत राज्य सरकार के विकास कार्यों और ऐतिहासिक निर्णयों को आम जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ऐसे लोकगीत समाज में जागरूकता लाने के साथ-साथ उत्तराखण्ड में पहली बार हुए अनेक विकास कार्यों से लोगों को अवगत कराएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिए गए कई निर्णय आज अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बन रहे हैं। उन्होंने लोक कलाकारों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार उत्तराखण्ड की लोकसंस्कृति, भाषा और परंपराओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड विकास के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। ऐतिहासिक फैसलों और योजनाओं के माध्यम से आम जन को सहूलियत पहुंचाई जा रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, स्टार्टअप, कृषि, बागवानी, रिवर्स पलायन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में राज्य नया इतिहास रच रहा है।

“पैली-पैली बार” गीत में उत्तराखण्ड के इतिहास में पहली बार हुए कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों का उल्लेख किया गया है। इसमें नकल विरोधी कानून, सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने, धर्मांतरण विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता (UCC), शीतकालीन यात्रा, पर्यटन एवं तीर्थाटन को बढ़ावा, आदि कैलाश यात्रा, रिवर्स पलायन, राजस्व वृद्धि, किसानों को दी जा रही सुविधाएं और सरकारी नियुक्तियों जैसे विषयों को प्रमुखता से दर्शाया गया है। गीत सरकार के अभियान “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” की भावना को भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करता है।
इस गीत में उत्तराखण्ड के प्रमुख लोकगायक सौरभ मैठाणी, गोविन्द दिगारी, राकेश खनवाल, ललित गित्यार, भूपेन्द्र बसेड़ा, मनोज सामन्त, चन्द्रप्रकाश, लोकगायिका खुशी जोशी और सोनम ने स्वर दिए हैं। गीत के बोल और धुन भूपेन्द्र बसेड़ा द्वारा तथा संगीत ललित गित्यार द्वारा तैयार किया गया है।

कार्यक्रम में दायित्वधारी श्री कैलाश पंत सहित अनेक लोकगायक, कलाकार, संगीतकार और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।