देहरादून। जिले में बड़े बकायेदारों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष वसूली अभियान के तहत जिला प्रशासन ने सुभारती समूह पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों के क्रम में लंबित राजस्व वसूली को लेकर ₹87.50 करोड़ की कुर्की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इस कार्रवाई से प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि बकाया न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सुभारती समूह से बकाया राजस्व की वसूली हर हाल में सुनिश्चित की जाए। प्रशासन का कहना है कि भविष्य में भी किसी छोटे या बड़े बकायेदार को बकाया राशि जमा न करने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई से नहीं बख्शा जाएगा। बार-बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद भुगतान न होने पर यह कठोर कदम उठाया गया है।
जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि “जनता के धन की लूट करने वालों को किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा।” उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने तहसील क्षेत्रों में लंबे समय से बकाया राशि न चुकाने वाले छोटे और बड़े बकायेदारों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे मामलों में विशेष वसूली अभियान चलाकर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।
प्रशासन के अनुसार, संबंधित संस्थान द्वारा पिछले छह वर्षों से लगभग 300 छात्रों से पूर्ण शुल्क वसूले जाने के बावजूद आवश्यक संरचना उपलब्ध नहीं कराई गई, जिसके चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई। अब वसूली वारंट जारी कर दिया गया है और आगामी दिनों में संस्थान का बैंक खाता सीज करने व संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी की जा सकती है। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा निदेशक द्वारा पूर्ण वसूली की सिफारिश जिलाधिकारी से की गई थी।
प्रकरण की पृष्ठभूमि में बताया गया कि शैक्षणिक सत्र 2017-18 में प्रवेश पाए द्वितीय बैच के 74 छात्रों द्वारा उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई थी। छात्रों का कहना था कि संस्थान में आवश्यक संरचना न होने के कारण वे वहां निरंतर शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते। वर्ष 2019 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 300 छात्रों को राज्य के तीन राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाए और उनसे केवल राजकीय मेडिकल कॉलेजों में लागू शुल्क ही लिया जाए। इसके चलते राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ा, जबकि संबंधित संस्था ने छात्रों से शुल्क पहले ही वसूल लिया था।
जिलाधिकारी ने दोहराया कि राजस्व की हानि किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। बकायेदारों द्वारा भुगतान में देरी या टालमटोल की प्रवृत्ति पर अब सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि बकायेदारों की विस्तृत रिपोर्ट तत्काल तैयार की जाए, बड़े बकायेदारों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई हो और वसूली की दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। आवश्यकतानुसार कुर्की, नोटिस, बैंक खाता सीज सहित अन्य विधिक कार्रवाई भी अमल में लाई जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों के लिए जनता की मेहनत की कमाई से जुटाया गया धन बेहद महत्वपूर्ण है और इसकी सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह अभियान पूरी गंभीरता, पारदर्शिता और सख्ती के साथ जारी रहेगा।