धरती माँ कराह रही है। उसके जंगलों की हरियाली सूखती जा रही है, नदियाँ अपना मार्ग छोड़ रही हैं, और आकाश की छाया अब धूप
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धरती माँ कराह रही है। उसके जंगलों की हरियाली सूखती जा रही है, नदियाँ अपना मार्ग छोड़ रही हैं, और आकाश की छाया अब धूप