‘Central Vista’ जरूरी राष्ट्रीय प्रोजेक्ट, विरोध याचिका ख़ारिज, पिटीशनर पर दिल्ली HC द्वारा एक लाख का जुर्माना

‘Central Vista’ जरूरी राष्ट्रीय प्रोजेक्ट, विरोध याचिका ख़ारिज, पिटीशनर पर दिल्ली HC द्वारा एक लाख का जुर्माना

Central Vista Project: हरदीप पुरी ने सेंट्रल विस्टा पर खोली कांग्रेस की पोल, परियोजना को हाईकोर्ट से मिली हरी झंडी

रेनबो न्यूज़ इंडिया * ३१ मई २०२१

New Delhi:  सेंट्रल विस्टा परियोजना को दिल्‍ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा के काम को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा हरी झंडी मिल गयी हैं। आज कोर्ट में उस याचिका ओर सुनवाई कि गयी, जिसमें कोरोना महामारी के चलते सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य पर रोक गलाने कि मांग कि गयी थी।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल विस्टा एक जरूरी प्रोजेक्ट हैं, और ऐसे रोके जाने का कोई औचित्य नहीं। चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने इस याचिका को ख़ारिज करने हुए प्रेरित करार दिया। साथ ही याचिकाकर्ता पर एक लाख का जुर्माना लगते हुए कहा “यह जन हित याचिका नहीं बल्कि प्रेरित हैं।

जिससे इस मुद्दे पर विपक्षियों द्वारा विरोध किये जाने का जवाब देने को सरकार तैयार हैं। हरदीप पुरी शहरी विकास मंत्री ने कहा कि कांग्रेस द्वारा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर एक गलत कहानी गढ़ी जा रही है।

क्‍या कांग्रेस शासन काल में ही हो गया था निर्णय?

हरदीप पुरी द्वारा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर बताया कि 2012 में जब मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थीं, उनके एक ओएसडी ने आवास मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि एक नई संसद भवन बनाने पर फैसला ले लिया गया है। हरदीप पुरी ने बताया की अब वही विपक्षी दल इस परियोजना पर सवाल उठा रहे हैं, जो बिल्‍कुल गलत है।’

संसद भवन सेस्मिक ज़ोन 4 में, तेज भूंकप आने पर क्या?

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘देखिए, अब तक सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर एक गलत कहानी गढ़ी जा रही है। इस परियोजना पर कोरोना महामारी के बहुत पहले फैसला ले लिया गया था। वहीं, संसद का नया भवन बनाना इसलिए जरूरी है, क्योंकि पुराना भवन सेस्मिक ज़ोन 2 में आता था, अगर तेज भूंकप आए तो अब ये भवन सेस्मिक ज़ोन 4 में है।

राजीव गांधी के समय से उठ रही नई संसद की मांग

हरदीप पुरी ने कहा कि आजादी के समय हमारी जनसंख्या 350 मिलियन के करीब थी। संसद भवन में हमें जगह की जरूरत होती है, ताकि संसद सदस्य बैठ सकें। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब से ये मांग हो रही है कि एक नई संसद बनाई जाए, जो आज की परिस्थिति के अनुकूल हो। इस पूरी परियोजना में कुल खर्चा 1300 करोड़ रुपये के आसपास है।

कोरोना वैक्‍सीन के लिए पैसे की कोई कमी नहीं

जब केंद्रीय मंत्री से कोरोना वैक्‍सीन के लिए आवंटित पैसे पर उठ रहे सवाल के बारे में पूछा गया, तो उन्‍होंने कहा, ‘देखिए, ऐसा कहा जा रहा है 20,000 करोड़ रुपये महामारी के दौरान खर्च कर रहे हैं, ये वैक्सीनेशन कार्यक्रम में लगाइये। मैं बता दूं कि केंद्र ने वैक्सीनेशन के लिए 35,000 करोड़ आवंटित किया है। वैक्सीनेशन के लिए पैसे की कमी नहीं है, पर्याप्त पैसा है। वैक्सीन की उपलब्धता दूसरी बात है।’

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