विश्व तंबाकू निषेध दिवस – महाविद्यालय एनएसएस इकाई द्वारा वर्चुअल गोष्ठी का आयोजन

विश्व तंबाकू निषेध दिवस – महाविद्यालय एनएसएस इकाई द्वारा वर्चुअल गोष्ठी का आयोजन

रेनबो न्यूज़ इंडिया * ३१ मई २०२१
देवप्रयाग (टिहरी): राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर वर्चुअल गोष्ठी का आयोजन किया गया। राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में गोष्टी का उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० शांति प्रकाश सती ने अपने संबोधन में कहा विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 हेल्थ पर तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूकता बढ़ाने के लिए 31 मई को मनाया जाने वाला कार्यक्रम है।

यह अभियान लोगों से कोविड-19 महामारी के समय में एक हेल्थी लाइफस्टाइल की भी गुहार लगाता है 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने एक प्रस्ताव पारित किया। जिसमें विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का आह्वान किया गया था। एक रिसर्च के मुताबिक भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा कंजूमर है। इतना ही नहीं डब्ल्यूएचओ के मुताबिक तंबाकू के विपरीत प्रभाव की वजह से हर साल 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है।

राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी एवं संगोष्ठी के संयोजक डॉ० अशोक कुमार मेंदोला ने स्वयंसेवकों को संबोधन करते हुए कहा कि जिंदगी भगवान का दिया सबसे खूबसूरज तोहफा है। कुछ लोग जिदगी को संजोकर रखते हैं, तो कुछ इसे शराब, तंबाकू, गुटखे से बदनुमा व बदसूरत कर रहे हैं। यह चीजें अक्सर जिदगी ही खत्म कर देती है। कोरोना संकटकाल में तंबाकू का सेवन सेहत पर भारी पड़ रहा है। जिसमें कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता और फेफड़े इसके चलते ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। कोविड-19 जैसी महामारी में तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण का जोखिम 50% बढ़ जाता है। ऐसे में धुम्रपान को छोड़ने में ही भलाई है। तंबाकू कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है, जैसे कि फेफड़ों के रोग ट्यूबरक्लोसिस, क्रॉनिक पलमोनरी डिजीज आदि। इतना ही नहीं इससे फेफड़ों का कैंसर और मुंह का कैंसर भी हो सकता है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों के मुताबिक भारत में सभी तरह के कैंसर में तंबाकू का योगदान 30 फ़ीसदी है। इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। यह अभियान लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए तंबाकू छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। वर्तमान समय में इसके साथ ही डॉक्टर मेंदोला ने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेविओं से अनुरोध किया वह जहां भी रहे स्वस्थ रहे। कोरोना गाइडलाइन का पालन करें और अपने गांव में लोगों को जागरूक एवं जन-सहयोग करते रहे। यही हमारी देवप्रयाग राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का उद्देश्य है।

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