रेनबो न्यूज़ इंडिया* 23 फरवरी 2022
माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने भारत के वैक्सीन-निर्माण कौशल की सराहना की और दुनियाभर में सस्ते टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में देश के वैक्सीन निर्माताओं के प्रयासों की तारीफ की।
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से भारत-अमेरिका स्वास्थ्य साझेदारी पर मंगलवार को आयोजित एक वर्चुअल गोलमेज सम्मेलन में गेट्स ने कहा कि पिछले एक साल में भारत ने लगभग एक सौ देशों को कोविड-19 टीकों की 15 करोड़ से अधिक खुराकें दी हैं।
उन्होंने कहा, ‘भारतीय वैक्सीन निर्माताओं को धन्यवाद, दुनिया का लगभग हर देश अब बच्चों को निमोनिया और रोटावायरस जैसी बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगा पा रहा है, जो दशकों से बच्चों की मौत का प्रमुख कारण रही हैं।’
इस गोलमेज सम्मेलन का आयोजन दुनियाभर में सस्ते टीके उपलब्ध कराने में द्विपक्षीय साझेदारी का लाभ उठाने के लिए भारत और अमेरिका के प्रमुख हितधारकों को साथ लाने के मकसद से किया गया था।
माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक ने कहा, ‘कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, लेकिन हमने आपातकालीन प्रतिक्रिया से परे देखना शुरू कर दिया है। इसका मकसद न केवल कोविड-19 के प्रसार पर लगाम लगाना है, बल्कि भविष्य में ऐसे संक्रमणों को महामारी बनने से रोकने के लिए तैयार रहना और सभी मौजूदा संक्रामक रोगों से लड़ाई जारी रखना भी है।’
गेट्स ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिक खोज और नए उत्पादों के निर्माण के लिए भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रतिभा का दोहन जारी रखते हुए वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति देश की प्रतिबद्धता को गहरा करने की बात की है।
उन्होंने कहा, ‘यह एक साझी महत्वाकांक्षा है और इसे साकार करने के लिए साझेदारी बेहद अहम है।’
गेट्स के अनुसार, तीन टीके – कोवैक्सीन, कोर्बावैक्स और कोविशील्ड – उस साझेदारी की देन थे, जो प्रमुख क्षेत्रों के साथ-साथ सीमाओं को भी आपस में जोड़ते हैं।
अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के रणनीतिक समूह ‘क्वॉड’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘एक अरब से अधिक टीकों का उत्पादन करने के लिए बायोलॉजिकल-ई के साथ क्वाड देशों की साझेदारी इस बात का प्रतीक है कि कैसे इन साझेदारियों को एक समान प्रतिक्रिया का समर्थन करने के लिए बढ़ाया जा सकता है।’
कोविड-19 के खतरे में ‘नाटकीय रूप से कमी’ आने के मद्देनजर गेट्स ने चेताया कि यह लगभग निश्चित है कि दुनिया एक और महामारी की गवाह बनेगी, जिसके लिए वैक्सीन निर्माताओं के बीच सहयोग समय की मांग है।
उन्होंने कहा, ‘यह जरूरत विकासशील देशों में वैक्सीन निर्माताओं का नेटवर्क बनाने जैसी पहल को बेहद रोमांचक बनाती है। सभी पक्ष समझते हैं कि अगर हम कोविड-19 को अंतिम महामारी बनाना चाहते हैं तो हमें सहयोगात्मक प्रयासों में निवेश करना जारी रखना होगा।’
गेट्स के मुताबिक, ‘हम यह अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि हमें बेहतर तकनीक विकसित करने की प्रेरणा कहां से मिलेगी, लेकिन हम जानते हैं कि आज का हमारा निवेश यह निर्धारित करेगा कि क्या ये प्रेरणा समय पर आती है और क्या उन सभी देशों में इसकी पहुंच सुनिश्चित करना संभव है, जिन्हें इसकी जरूरत है।’
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