रेनबो न्यूज़ इंडिया* 12 मार्च 2022
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अपने पूर्व न्यायाधीश ए. के. सीकरी को उच्चाधिकार प्राप्त उस समिति (एचपीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया, जो पूरी हिमालयी घाटी पर चारधाम परियोजना के प्रभाव के बारे में विचार करेगी।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने समिति के अध्यक्ष पद से प्रोफेसर रवि चोपड़ा का इस्तीफा मंजूर कर लिया। उन्होंने जनवरी में पत्र लिखकर यह पद छोड़ने की इच्छा जतायी थी।
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चारधाम परियोजना के तहत 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करके चार पवित्र शहरों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ने के लिए सदबहार सड़क बनायी जानी है।
केंद्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि चूंकि यह अदालत न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सीकरी को चारधाम परियोजना से जुड़ी पर्यावरण संबंधी चिंताओं और अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए गठित निगरानी समिति का अध्यक्ष नियुक्त कर चुकी है तो यह बेहतर होगा कि उन्हें उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त कर दिया जाए।
पीठ इस सुझाव पर राजी हो गयी और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सीकरी को एचपीसी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।
चोपड़ा को शीर्ष न्यायालय ने आठ अगस्त 2019 को एचपीसी का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
न्यायालय ने पिछले साल 14 दिसंबर को उत्तराखंड में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चारधाम राजमार्ग परियोजना के दोहरी लेन चौड़ीकरण की मंजूरी दी थी और कहा था कि देश की सुरक्षा चिंताएं वक्त के साथ बदल सकती हैं और हाल फिलहाल में देश की गंभीर सुरक्षा चुनौतियां सामने आयी हैं।
Related posts:
- किसान परिवार के न्यायमूर्ति नथालपति वेंकट रमण होंगे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश
- उत्तराखंड: सरकार पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है गडकरी
- चारधाम यात्रा शुरू, सभी वाहनों पर क्यूआर कोड के साथ ग्रीन कार्ड कि अनिवार्यता
- चारधाम यात्रा मार्ग पर वैक्सीनेशन कार्य पर विशेष जोर, वात्सल्य योजना के क्रियान्वयन को लेकर समिति गठित
- नमामि गंगे 2.0’ परियोजना शुरू करेगी सरकार
- उत्तराखंड: उच्च न्यायालय ने सरकार से विधायकों, सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सूची मांगी