रेनबो न्यूज़ * 24 नवंबर 2022
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पर्वतीय क्षेत्रों में मानव वन्यजीव संघर्ष तथा तेंदुए के हमले को लेकर राज्य सरकार को एक विशेषज्ञ कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं।
देहरादून की समाजसेवी अनु पंत की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगल पीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को यह निर्देश दिए। इसके साथ ही न्यायालय ने 2 सप्ताह के अंदर विशेषज्ञों से वार्ता करने के बाद मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए उठाए गए कदमों के संदर्भ में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ता जा रहा है। अधिकांश पर्वतीय जिले इससे प्रभावित हैं। आये दिन मानव इन जंगली जानवरों के शिकार हो रहे हैं। खासकर मानवों पर तेंदुए के हमले बढ़ते जा रहे हैं।
पलायन की एक वजह यह भी:
औसतन प्रत्येक वर्ष 60 लोग तेंदुओं के शिकार होते हैं सन 2020 में 30 लोग मारे गए थे जबकि 85 लोग घायल हुए थे उन्होंने कहा कि यही नहीं इससे पलायन में बढ़ोतरी हो रही है। पलायन आयोग ने भी माना है कि सन 2016 में 6 प्रतिशत लोग पलायन को मजबूर हुए हैं। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अप्रैल की तिथि नियत की है।याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गयी है कि एक कमेटी का गठन किया जाए और कमेटी इसका अध्ययन कर इस मामले का समाधान निकाले। साथ ही आवासीय क्षेत्रों व जंगलों के बीच में तारबाड़ लगायी जाए। कैमरा टेपिंग व तेंदुओं पर रेडियो कॉलर लगाए जाएं। साथ ही सरकार एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करे, जिससे आपात स्थिति से निपटने में सहयोग मिल सके।
Related posts:
- धामी ने वनों में ‘बीज बम’ अभियान की शुरुआत की, कहा- इससे मानव-पशु संघर्ष में कमी आएगी
- ग्राफ़िक एरा में हिंदी माध्यम से बड़ी स्कॉलरशिप के साथ इंजीनियरिंग की शुरुवात
- उत्तराखंड: पर्यटकों के लिए खुला कॉर्बेट पार्क और राजाजी नेशनल पार्क
- मानव और वन्यजीवों के बीच टकराव रोकने के लिए जैवविविधता का संरक्षण बहुत जरूरी
- गाजणा हल्दी ने दिया पलायन रोकने और बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने का अद्भुत संदेश: विधायक गंगोत्री
- तीनों कृषि कानूनों को वापस लेगी सरकार, एमएसपी को प्रभावी बनाने के लिए समिति बनेगी: प्रधानमंत्री