मानव और वन्यजीवों के बीच टकराव रोकने के लिए जैवविविधता का संरक्षण बहुत जरूरी

मानव और वन्यजीवों के बीच टकराव रोकने के लिए जैवविविधता का संरक्षण बहुत जरूरी

रेनबो न्यूज़ इंडिया । 21 मई 2021
देहरादून। विस्तार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून द्वारा 22 मई 2021 को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस-2021 का आयोजन किया। इस अवसर जैव विविधता संरक्षण पर वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि अरुण सिंह रावत, महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून द्वारा किया गया।

अपने संबोधन में महानिदेशक ने कहा कि जैव-विविधता की हानि अब मानव जाति के लिए चेतावनी स्थिति में है और अब इसके संरक्षण की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि जैव विविधता के विनाश के लिए हम मानवों का हस्तक्षेप एवं हमारी बढ़ती हुई जनसंख्या है। मानव द्वारा प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण मानव और वन्यजीवों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। जिससे जंगली जानवर अपने प्राकृतिक आवासों के नष्ट पर मानव बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं। इस स्थिति को रोकने के लिए जैवविविधता का संरक्षण बहुत जरूरी है।

उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा वैश्विक ऊष्मीकरण भी जैवविविधता के लिए घातक है। इसे रोकेने के लिए भी कुछ उपाय करने होंगे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में दीपक मिश्रा, प्रमुख, विस्तार प्रभाग ने सभी का का स्वागत किया तथा जैवविविधता और उसके महत्व के बारे में बताया।

इस अवसर पर वनस्पति विज्ञान प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान देहरादून के प्रमुख, डॉ0 अनुप चन्द्रा ने बताया कि जैवविविधता का संरक्षण पारिस्थितिकी संतुलन के लिए नितान्त आवश्यक है। उन्होंने भारत में जैवविविधता की स्थिति पर विस्तार से विचार रखे और उसके संरक्षण के बारे में सुझाव दिए।

इस अवसर पर वन अनुसंधान संस्थान के परिसर तथा कीट पतंगों की जैवविविधता पर लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। लघु फिल्मों के प्रदर्शन के बाद पूर्व में मार्च 2021 को आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2021 के अवसर पर ‘‘स्वथ्य मानवता के लिए स्वस्थ वन’’ विषय पर केन्द्रीय विद्यालय एवं नवोदय विद्यालय के कनिष्ठ एवं वरिष्ठ समूह के छात्र छात्राओं के लिए आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

कार्यक्रम के अंत में डॉ0 चरण सिंह, वैज्ञानिक-एफ, विस्तार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। विस्तार प्रभाग से डॉ0 देवेन्द्र कुमार, वैज्ञानिक-ई, रामबीर सिंह, वैज्ञानिक-ई, रमेश सिंह, सहायक एवं यथार्थ दुलगचा, बहुकार्यकर्मी द्वारा सम्पूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सराहनीय योगदान दिया।

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