उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के देवढंग में एक कार्यक्रम के आयोजकों पर ग्रामीणों ने अवैध धर्मांतरण का आरोप लगाया और आयोजकों के साथ उनकी झड़प हुई। कार्यक्रम में ईसाई धर्म के धर्मगुरु शामिल हुए थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पुरोला के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) जितेंद्र कुमार ने बताया कि घटना की सूचना शुक्रवार को मिली। उन्होंने कहा, ‘‘ग्रामीणों ने क्षेत्र में एक कार्यक्रम में सामूहिक धर्मांतरण की शिकायत की है। हमारे पास जानकारी है कि ग्रामीणों और कार्यक्रम के आयोजकों के बीच मामूली झड़प भी हुई थी। मामले की जांच की जा रही है।’’
दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरी नेपाल से उत्तरकाशी आने वाले लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। उन्होंने कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यपाल गुरमीत सिंह को संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा।
राज्यपाल ने हाल में 30 नवंबर को राज्य विधानसभा द्वारा पारित धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक को अपनी मंजूरी प्रदान की, जिसमें गैरकानूनी धर्मांतरण को एक संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध के रूप में अधिकतम 10 साल के कारावास के साथ दंडनीय अपराध बनाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम लाने का एकमात्र उद्देश्य उन लोगों से सख्ती से निपटना है, जो जबरन धर्मांतरण में लिप्त हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों को डरा-धमकाकर या लालच देकर जबरन धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए केवल एक सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लाए हैं। इस विशेष मामले में भी हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।’’
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