Ranikhet: अपनी बकरियां बचाने को तेंदुए से भिड़ा चरवाहा। चमोली जानपंडेरगाव निवासी यशपाल सिंह नेगी और डबल सिंह ने भेड़-बकरियों के झुंड के साथ कालीगाड़ जंगल में द्वारसौं स्थित पड़ाव में डेरा डाला। देर रात तेंदुए ने भेड़ों के झुंड पर हमला कर दिया और तेंदुआ एक भेड़ को उठाकर ले जाने लगा। भेड़ों में अफरा तफरी मच गई, फिर चरवाहे यशपाल तेंदुए से भिड़ गया। लेकिन तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया।
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोग सर्दियों के दिनों में निचले क्षेत्रों में प्रवास पर आ जाते हैं। शनिवार को पंडेरगाव, चमोली निवासी यशपाल सिंह नेगी ने भेड़-बकरियों के झुंड के साथ परंपरागत पड़ाव द्वारसौं के कालीगाड़ जंगल में डेरा डाला। साथ में मित्र डबल सिंह भी थे। खाना खाने के बाद सब सो गए थे। देर रात तेंदुए ने भेड़ों के झुंड पर हमला कर दिया और तेंदुआ एक भेड़ को उठाकर ले जाने लगा।
भेड़ों में भगदड़ मचने से यशपाल सिंह की नींद टूट गई और वह भेड़ को बचाने का प्रयास करने लगा, लेकिन तेंदुए ने उन पर हमला कर हाथ में दांत गड़ा दिए। शोर मचने पर दल के साथ पहुंचे कुत्तों ने तेंदुए को वहां से खदेड़ दिया।
सूचना मिलने पर द्वारसौं वन चौकी के वनकर्मी राजेंद्र प्रसाद भी मौके पर पहुंच गए। तापस मिश्रा, वन क्षेत्राधिकारी रानीखेत ने बताया की रात में सूचना मिलने के बाद वह स्वयं टीम को लेकर वहां पहुंचे। घायल यशपाल सिंह को निजी वाहन से राजकीय अस्पताल रानीखेत पहुंचाया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग उठाई है।
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