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उत्तराखंड की प्रमुख नाट्य संस्था वातायान द्वारा नाटक गोदान की मार्मिक प्रस्तुति

उत्तराखंड की प्रमुख नाट्य संस्था वातायान द्वारा नाटक गोदान की मार्मिक प्रस्तुति


उत्तराखंड की प्रमुख नाट्य संस्था वातायान द्वारा कालजयी लेखक मुंशी प्रेमचंद जी की अमर रचना ‘ गोदान ‘ की शानदार मंचीय प्रस्तुति नगर निगम प्रेक्षागृह देहरादून में 3और 4 अप्रैल 2023 को की गई।
कृषक होरी और उसकी पत्नि धनिया के संघर्ष की कहानी गोदान आज भी उतनी ही समसामयिक लगती है जितनी 1936 में उपन्यास के प्रकाशित होने के वक्त थी । गांव के साहूकार, पटवारी, पंडित, और राय साहेब मिलकर सीधे साधे होरी की सामाजिक और आर्थिक परिस्थियों का फायदा उठाकर उसका शोषण करते है और उसकी संघर्षशील पत्नी धनियां मजबूती से होरी की ढाल बन समाज को आईना दिखाने का काम कर करती है। होरी का संघर्ष इतना अधिक और कष्टदाई है की उसकी हिम्मंत जवाब दे जाती है और एक किसान से मजदूर बना होरी अपना जीवन खो बैठता है ।

मंजुल मयंक मिश्र की सटीक आलेख, परिकल्पना और निर्देशन ने ‘ गोदान ‘ को एक यादगार प्रस्तुति बना दिया। सभी पत्रों ने अपने किरदारों को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और प्रस्तुति को दर्शकों के दिलों में खूबसूरती से बिठा दिया ।
होरी के रूप में धीरज सिंह रावत ने बहुत ही सहजता और पूर्ण भावों के साथ बेहतरीन अभिनय किया। धनिया के रूप में सोनिया नौटियाल गैरोला ने बेहतरीन भावों के साथ यादगार अभिनय किया और दर्शकों की वाहवाही बटोरी ।गोबर की भूमिका में शुभम बहुगुणा ने बहुत स्वाभाविक और किरदार के हिसाब से सटीक अभिनय किया।
देहरादून रंगमंच के मंझे हुए कलाकार, रामेंद्र कोटनाला, प्रदीप घिल्डियाल , नवनीत गैरोला , हरीश भट्ट को मंच पर गोदान के विभिन्न पात्रों को निभाते हुए देखना एक सुखद अनुभूति थी। युवा कलाकारों में सोनिया वालिया , केतन प्रकाश, अमित बहुखुंडी , सिद्धि भंडारी, अनामिका राज , शायांक नेगी, नीरज मिश्र के अभिनय ने गोदान की प्रस्तुति को और बेहतर बना दिया । वीरेंद्र गुप्ता ,पद्म सिंह राजपूत और गिरिजा चौहान ने भी छोटी मगर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
संगीत संयोजन में अंशुमान चौहान की मेहनत और नाटक के मूड के हिसाब से संगीत प्रभावशाली रही ।
नाटक में प्रकाश परिकल्पना प्रभावशाली रही जिसके लिए निर्देशक मंजुल मिश्र और टी के अग्रवाल बधाई के पात्र हैं ! रूपसज्जा में अभिषेक मेंदोला ,गायत्री टम्टा और वस्त्र विन्यास में विनीता रितुंजय और कीर्ति भंडारी की भूमिका महत्वपूर्ण रही।


गोदान की प्रस्तुति को यादगार बनाने में गजेंद्र वर्मा, रोशन धस्माना , संतोष गैरोला , उदयशंकर भट्ट, सुषमा बर्थवाल और मदन दुकलान की बड़ी भूमिका रही ।
वातायन की ये प्रस्तुति निसंदेह देहरादून रंगमंच की स्तरीय प्रस्तुतियों में थी ।

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