पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षुओं की दिक्षांत परेड का आयोजन

पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षुओं की दिक्षांत परेड का आयोजन

रेनबो न्यूज़ इंडिया * 17 जून 2021

नरेंद्रनगर (टिहरी गढ़वाल)। आज दिनांक 17 जून, 2021 को पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय नरेन्द्रनगर, टिहरी गढ़वाल में लोक सेवा आयोग उत्तराखण्ड से चयनित 17 पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षुओं के साढ़े 12 माह के आधारभूत प्रशिक्षण के पश्चात दिक्षांत परेड का आयोजन किया गया। दीक्षांत परेड में परेड कमाण्डर प्रथम सुमित पाण्डेय, परेड कमाण्डर द्वितीय रीना राठौर एवं परेड एड्ज्यूडेण्ट अभिनय चौधरी नियुक्त रहे।

दीक्षान्त परेड में मुख्य अतिथि तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, विशिष्ट अतिथि सुबोध उनियाल, कृषि मंत्री, उत्तराखण्ड एवं अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड की उपस्थिति में दीक्षान्त परेड का मान-प्रणाम ग्रहण कर परेड का निरीक्षण किया गया।

मुख्यमंत्री द्वारा प्रशिक्षण में सर्वांग सर्वोत्तम एवं अन्तः कक्ष में प्रथम स्थान आने पर रीना राठौर एवं बाहय कक्ष में प्रथम आने पर अभिनय चौधरी को सम्मानित किया गया। इस प्रशिक्षण में अन्तः कक्ष और बाह्य कक्ष में नियुक्त समस्त प्रशिक्षकों द्वारा निष्ठा, दृढ इच्छाशक्ति एवं लगन से प्रदान किया गया। प्रशिक्षुओं को व्यावसायिक रूप से दक्ष बनाने के लिए विशेषज्ञ वक्ताओं को आमंत्रित कर योग, मानवाधिकार, संगीन अपराधों की विवेचना, अभियोजन सम्बन्धी जानकारी, विवेचना में वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग, सीसीटीएनएस, आपदा प्रवन्धन, बम डिस्पोजल, सर्विलांस, साइबर क्राइम आदि विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड ने प्रशिक्षण के उपरांत पास आउट होने वाले सभी पुलिस उपाधीक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दी जाने वाली शिक्षा ही प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण कोई एक दिन में पूर्ण होने वाला वन टाइम टास्क नहीं है, अपितु उसके अनुरूप खुद को बदलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पीटीसी प्रशिक्षुओं को कानूनों की जानकारी के अलावा शस्त्र संचालन आदि अनेक प्रकार के जरूरी कौशल का प्रशिक्षण भी दिया गया होगा, परंतु क्षमताओं का वास्तविक आकलन तो तभी होगा जब हम अपने सीखे हुए ज्ञान एवं कौशल को अपने व्यवहारिक जीवन सही व सहज तरीके से प्रयोग करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की कई विविधताएं हैं, कठिन भौगोलिक परिस्थिति एक सबसे बड़ी चुनौती है जहां – बाढ़, बादल फटना, भू-स्खलन, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं का यदा-कदा सामना करना पड़ता है। ऐसे में हमारी राज्य पुलिस की भूमिका अन्य राज्यों की तुलना में और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य एक पर्यटक एवं धार्मिक स्थल बहुल राज्य है। यहां पर्यटक एवं श्रद्धालु आते हैं, और पर्यटन उद्योग राज्य की आय का प्रमुख स्रोत भी है। अतः राज्य पुलिस की भूमिका अत्यन्त ही महत्वपूर्ण हो जाती है। पुलिस को पर्यटकों के आवागमन को सुदृढ़ एवं सुरक्षित बनाने के साथ-साथ पर्यटकों को सुरक्षित भी महसूस करवाना होता है।

अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने अपने सम्बोधन में नव प्रशिक्षु अधिकारियों को निष्ठा एवं लगन के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने हेतु निर्देशित किया। साथ ही उन्होंने पीड़ित केन्द्रित पुलिसिंग और फील्ड पुलिसिंग से पीड़ित को न्याय दिलाना है सम्बंधित टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि साहब नहीं बल्कि सेवक बनकर कार्य करें और अपने अधिकारों का सदुपयोग पीड़ितों, गरीबों, असहायों के हित में करें, इनका दुरूपयोग न करें।

इस अवसर पर वी विनय कुमार महानिदेशक सतर्कता, पी वी के प्रसाद अपर पुलिस महानिदेशक, पी ए सी; अमित सिन्हा पुलिस महानिरीक्षक पी/एम, संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना एवं सुरक्षा, पूरन सिंह सिंह रावत पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, मुख्तार मोहसिन पुलिस उपमहानिरीक्षक फायर, नीलेश आनन्द भरणे पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, राजीव स्वरूप निदेशक पीटीसी सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

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