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भारत का चंद्रयान-3 सफलता पूर्वक लॉन्च, चंद्रमा पर छाप छोड़ने के लिए चंद्रयान-3 ने भरी उड़ान

भारत का चंद्रयान-3 सफलता पूर्वक लॉन्च, चंद्रमा पर छाप छोड़ने के लिए चंद्रयान-3 ने भरी उड़ान

रेनबो न्यूज़* 14/ 7/23

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को चंद्रमा पर अपने तीसरे मिशन चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया।  सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 के साथ 642 टन वजन वाले बाहुबली रॉकेट एलवीएम3 ने दोपहर बाद 2.35 बजे उड़ान भरी। लगभग 2.52 बजे धरती से करीब 179 किमी की ऊंचाई पर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को चंद्रमा पर अपने तीसरे मिशन चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 के साथ 642 टन वजन वाले बाहुबली रॉकेट एलवीएम3 ने दोपहर बाद 2.35 बजे उड़ान भरी। लगभग 2.52 बजे धरती से करीब 179 किमी की ऊंचाई पर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को चंद्रमा पर अपने तीसरे मिशन चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया। 

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 के साथ 642 टन वजन वाले बाहुबली रॉकेट एलवीएम3 ने दोपहर बाद 2.35 बजे उड़ान भरी। लगभग 2.52 बजे धरती से करीब 179 किमी की ऊंचाई पर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया।

चंद्रयान को चंद्रमा पर पहुंचने में करीब 40 दिन और लगेंगे। इस दौरान चंद्रयान-3 लगभग 3.84 लाख किमी की लंबी चंद्रमा की यात्रा शुरू करेगा। लैंडर के 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की जमीन पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।

चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है।

चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा की जमीन पर सुरक्षित उतारना है। उसके बाद रोवर प्रयोग करने के लिए बाहर निकलेगा।

लैंडर से बाहर निकलने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा ले जाए गए पेलोड का जीवन तीन से छह महीने के बीच है। दूसरी ओर, इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर का मिशन जीवन एक चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिवस है।


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