रेनबो न्यूज़* 21 /7 /23
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से शिव भक्तों के लिए खुशखबरी आई है।कैलाश पर्वत के दर्शन करना अब बेहद आसान होने वाला है। जी हां, अब शिव भक्तों को चीन जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।भक्त अब भारत के लिपुलेख से ही कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे. इसके लिए बीआरओ ने नाभीढांग में सड़क का काम शुरू कर दिया है, जो आगामी सितंबर तक पूरा हो जाएगा।
बीआरओ की हीरक परियोजना के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी ने कहा, ‘‘ हमने नाभीढ़ांग में केएमवीएन हटस से लिपुलेख दर्रे तक करीब 6.5 किलोमीटर लंबी सड़क को काटने का काम शुरू कर दिया है। सड़क का काम पूरा होने के बाद सड़क के साथ-साथ‘कैलाश व्यू प्वाइंट’ तैयार होगा। ’’ हीरक परियोजना को भारत सरकार ने ‘कैलाश व्यू प्वाइंट’ विकसित करने की जिम्मेदारी दी है। गोस्वामी ने बताया कि सड़क की कटाई का काफी काम हो चुका है और अगर मौसम अनुकूल रहा तो यह सितंबर तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सड़क की कटाई के बाद ‘कैलाश व्यू प्वाइंट’ बनाने का काम होगा। कोविड के कारण स्थगित हुई लिपुलेख दर्रे के जरिए होने वाली कैलाश-मानसरोवर यात्रा दोबारा शुरू नहीं हो पायी है जिसके मद्देनजर ऐसा विकल्प तैयार किया जा रहा है जिससे श्रद्धालुओं को कैलाश पर्वत के दर्शन भारतीय भूभाग से ही मिल सके।
गौरतलब है कि बीते चार वर्षों से कैलाश मानसरोवर की यात्रा बार बार विभिन्न कारणों से स्थगित हो रही है। जानकारी के मुताबिक पिथौरागढ़ जिले के नाभीढांग के ऊपर 2 किलोमीटर ऊंची पहाड़ी से तिब्बत स्थित कैलाश पर्वत आसानी से दिखता है। मगर इसकी जानकारी अब तक किसी के पास नहीं थी। स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी तब मिली जब वो ओल्ड लिपुपास की पहाड़ी पर पहुंचे। यहां से कैलाश पर्वत साफ और दिव्य रूप में दिखा। अधिकारियों की टीम भी इस जगह पहुंची, जिसके बाद जांच में सामने आया कि कैलाश पर्वत उत्तराखंड की इस जगह से दिव्य रूप में दिखता है। टीम के सदस्य एसडीएम दिवेश शासनी के अनुसार ओल्ड लिपुपास वो क्षेत्र है जहां से कैलाश पर्वत के दर्शन आसानी से सुलभ है। ओल्ड लिलुपास तक पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। ये चढ़ाई बिलकुल आसान नहीं है मगर यहां पहुंचने के लिए रास्ता बनाना सुलभ है। इस यात्रा को सुलभ बनाने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है। इस रास्ते के साथ ही श्रद्धआलुओं के लिए सुविधाएं भी बनाई जाएंगी ताकि यात्रा में परेशानी ना हो सके। स्थानीय लोगों का कहना है कि नया रास्ता कैलाश मानसरोवर के लिए निकलने से स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
Related posts:
- आगामी कांवड़ यात्रा की सुविधा और सुरक्षा हेतु पुलिस विभाग की अन्तर्राज्यीय व अन्तर इकाई बैठक
- आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर फंसे 184 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला गया
- अफ्रीकी महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर पर ग्राफिक एरा का ध्वज फहराया
- भाग्यशाली है हिमालय की तलहटी राज्यों के निवासी, और बड़ी जिम्मेदारी भी है इसे बचाने की
- चारधाम यात्रा: कठिन मौसम, स्वास्थ्य कारणों से इस बार अब तक 203 श्रद्धालुओं की मौत
- चारों धामों में दर्शन के लिए VVIP व्यवस्था खत्म, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लिया बड़ा एक्शन