उत्तराखंड में धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि नैनीताल हाईकोर्ट में अब तक उत्तराखंड सरकार की तरफ से पैरवी करने वाले कई विधि अधिकारियों के अनुबंध समाप्त कर दिए गए हैं। जिसके आदेश जारी किए गए है।
उत्तराखंड सरकार ने आज के अपने एक आदेश से अपर महाधिवक्ता, उप-महाधिवक्ता, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता, स्थायी अधिवक्ता, सहायक शासकीय अधिवक्ता और ब्रीफ होल्डर के पदों में कार्यरत अधिवक्ताओं को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है। अपर सचिव न्याय और अपर विधि परामर्षि सुधीर कुमार के हस्ताक्षरों वाले आदेश के अनुसार अब केवल महाधिवक्ता, मुख्य स्थायी अधिवक्ता और शासकीय अधिवक्ता ही पदों पर अगले आदेशों तक बने रहेंगे।
विधि विभाग के अपर सचिव सुधीर कुमार ने आज एक पत्र जारी कर कहा कि उन्हें शासन ने आदेश देकर कहा है कि उनकी तरफ से उच्च न्यायालय में पैरवी या बहस करने के लिए अपर महाधिवक्ता, उप-महाधिवक्ता, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता, स्थायी अधिवक्ता, सहायक शासकीय अधिवक्ता और ब्रीफ होल्डर के पदों पर तैनात विधि अधिकारियों की आबद्धता (तैनाती)तत्काल प्रभाव से समाप्त किये जाने की राज्यपाल ने सहर्ष स्वीकृति दे दी है।
इसके बाद अब उच्च न्यायालय में सरकार की तरफ से बहास करने के लिए महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर, मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर सिंह रावत और शासकीय अधिवक्ता गजेंद्र सिंह संधू शेष बचे हैं।
पत्र की कॉपी उच्च न्यायालय के महानिबंधक, महालेखाकार लेखा एवं हकदारी, मुख्य सचिव ऊत्तराखण्ड, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, समस्त सचिव ऊत्तराखण्ड, समस्त जिलाधिकारी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, वरिष्ठ कोषाधिकारी, मुख्य स्थायी अधिवक्ता, सचिवालय प्रशासन, संबंधित अधिवक्तागण एन.आई.सी.की गार्ड फ़ाइल को भेजी गई है।