ग्राफ़िक एरा में डिजिटल कृषि से लेकर साइबर सुरक्षा में अनुशंधान पर चर्चा, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

ग्राफ़िक एरा में डिजिटल कृषि से लेकर साइबर सुरक्षा में अनुशंधान पर चर्चा, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का इनोवेटिव तकनीकी एवं अनुसंधान पर गहन चर्चा के साथ समापन

देहरादून, 9 सितंबर, 2023: ग्राफ़िक एरा में इनोवेटिव सस्टेनेबल कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजीज पर आधारित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आज समापन हो गया। सम्मेलन में भारत सहित विश्व के विभिन्न देशों से विषय विशेषज्ञों और शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। जिसमें कृषि क्षेत्र में क्लाउड कंप्यूटिंग और आईओटी जैसी डिजिटल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से सतत कृषि विकास हेतु तकनीकी जानकारी साझा की गई। 

ग्राफ़िक एरा में इनोवेटिव सस्टेनेबल कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजीज (सीआईएससीटी-2023) थीम पर आयोजित तीसरे सम्मेलन में देश-विदेश में 140 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किये गए। हाइब्रिड मोड में आयोजित सम्मेलन में भारत और दुनिया भर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों और युवा शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का आयोजन (Institute of Electrical and Electronics Engineers – IEEE) आईईईई यूपी अनुभाग और आईईईई यंग प्रोफेशनल्स के तकनीकी एवं विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड, भारत सरकार,  अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के आर्थिक सहयोग से किया गया।

टिकनीक़ी सत्र के दौरान भारत और विदेश के प्रख्यात विशेषज्ञों ने नवीनतम अनुसंधान के विषय में जानकारी साझा की। साथ ही उन्होंने कम्प्यूटेशनल प्रौद्योगिकियों क्षेत्र में शोधकर्ताओं की अगली पीढ़ी को प्रेरित किया। 

कृषि क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी की संभावनाओं पर चर्चा   

प्रोफेसर डॉ० सतीश कुमार पेड्डोजू, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की ने सतत कृषि विकास हेतु डिजिटल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से प्रभावी विकास पर जानकारी साझा की। साथ ही उन्होंने कृषि क्षेत्र में क्लाउड कंप्यूटिंग और आईओटी जैसी डिजिटल एवं इंजीनियरिंग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। 

प्रोफेसर डॉ० मनोज मिश्रा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की ने साइबर अटैक से बचने के लिए ऑथेंटिकेशन सुरक्षा तकनीकी की जानकारी दी। साथ ही अहले सत्र में यूनाइटेड किंगडम के नॉर्थम्ब्रिया विश्वविद्यालय से डॉ० मौसा मार्ज़बैंड ने “मल्टी-कैरियर एनर्जी इंटीग्रेटेड सिस्टम के साथ उन्नत परिवहन विद्युतीकरण” पर शोध कार्य प्रस्तुत किया।

मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल, मध्य प्रदेश के प्रोफेसर डॉ० कमल राज परदासानी ने इम्यूनोलॉजी के लिए सॉफ्ट और फ़ज़ी सेट आधारित मशीन लर्निंग मॉडल पर शोध कार्य प्रस्तुत किया। 

सरदार वल्लभभाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सूरत, गुजरात में प्रोफेसर डॉ. नीरू अदलखा ने हेपेटोसाइट कोशिकाओं में मॉडलिंग कैल्शियम और आईपी-3 डायनेमिक्स शोध कार्य पर चर्चा की।

सम्मेलन में दुनिया भर से शामिल शोधकर्ताओं द्वारा 140 से अधिक शोध पत्रों प्रस्तुत किया गए। डॉ० देवेश प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में नवीन और टिकाऊ कम्प्यूटेशनल प्रौद्योगिकियों पर शोध कार्य जारी रखने के लिए प्रेरित किया। 

इस अवसर पर प्रो० डी आर.गंगोडकर, प्रो० देवेश प्रताप सिंह, प्रो० पी. ठाकुर, डॉ० आकांक्षा गुप्ता, डॉ० परवेश सैनी, डॉ० मनोज दिवाकर, डॉ० अमित कुमार, डॉ० जीतेन्द्र कुमार, डॉ० अंकित भट्ट, रमेश रावत, सहित अनेक प्राध्यापक, शोधकर्ता और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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