उत्तराखंड | 11 व 12 अक्टूबर को प्रधानमंत्री उत्तराखंड आ रहे हैं। दो दिन पीएम मोदी कुमाऊं दौरे पर रहेंगे। पीएम कुमाऊं मंडल के तीन जिलों पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा का दौरा करेंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी का ये दौरा कुमाऊं में पर्यटन और तीर्थाटन को रफ्तार देने वाला हो सकता है। पीएम मोदी 11 और 12 अक्टूबर को कुमाऊं के दौरे पर आ रहे हैं। पीएम मोदी के दौरे को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। माना जा रहा है कि पीएम मोदी का ये दौरा कुमाऊं के लिए काफी अहम होने वाला है। क्योंकि पीएम मोदी के दौरे से देश ही नहीं विदेशों में भी उत्तराखंड के सुरक्षित कुमाऊं का संदेश जाएगा।
कुमाऊं मंडल इंटरनेशनल डेस्टिनेशन में होगा तब्दील
पीएम मोदी का ये दौरा कुमाऊं को तीर्थाटन व पर्यटन के लिए एक इंटरनेशनल डेस्टिनेशन बनाने का काम करेगा। माना जा रहा है कि पीएम मोदी का दौरे से बेहद ही सुस्त पड़ी कुमाऊं की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ लेगी। कुमाऊं में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और पूंजी निवेश भी बढ़ेगा।
कुमाऊं के तीर्थ स्थलों की दुनिया में होगी सीधी ब्रांडिंग
पीएम मोदी का दौरा सिर्फ इसलिए खास नहीं है क्योंकि इस से दुनिया में सुरक्षित कुमाऊं का संदेश जाएगा। बल्कि इस से कुमाऊं के ऊं पर्वत, आदि कैलाश, कैलाश मानसरोवर, जागेश्वर धाम जैसे तीर्थ स्थलों की सीधे दुनिया में ब्रांडिंग हो जाएगी। पीएम के दौरे को लेकर दारमा, व्यास, चौंदास घाटी के लोगों के साथ ही पूरे कुमाऊं के लोग काफी उत्साहित हैं।
कुमाऊं को शिवा तीर्थ सर्किट बनाकर प्रमोट करेगी सरकार
प्रधानमंत्री का ये दौरा सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल पीएम चीन सीमा से मात्र कुछ किमी की दूरी पर ही रहेंगे। ऐसे में पूरी दुनिया में भारत की बढ़ती शक्ति का संदेश जाएगा। इसके साथ ही कुमाऊं में जागेश्वर सबसे बड़ा शिव धाम है। लेकिन फिर भी यहां श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम है।
इसके साथ ही यहां पर आदि कैलाश, ऊँ पर्वत है। पहले सड़क न होने के कारण यहां की यात्रा काफी कठिन थी। लेकिन अब सारी सुविधाएं है। लेकिन फिर भी गढ़वाल के मुकाबले यहां काफी कम लोग पहुंचते हैं। जिसके चलते सरकार इसे शिवा तीर्थ सर्किट बनाकर प्रमोट करने जा रही है।