एशिया के सबसे बड़े बांधों में से एक टिहरी बांध के बाद अब टिहरी ज़िला एक और रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। ये रिकॉर्ड होगा 30 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड डबल लेन मोटर टनल का है।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। जिसमें उन्होंने कहा कि आने वाले समय में टिहरी और देहरादून टनल के माध्यम से जुड़ जाएंगे, जिससे दिल्ली से टिहरी मात्र साढ़े तीन घंटे में पहुँचा जा सकेगा।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड के निर्माण कार्य को तेजी के साथ चरणबद्ध तरीके से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने झील को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए इस क्षेत्र के चारों ओर की सड़क को विकसित करने को कहा है।
देहरादून में अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि भविष्य में टिहरी और देहरादून टनल के माध्यम से जुड़ जाएंगे, जिससे दिल्ली से टिहरी मात्र साढ़े 3 घंटे में पहुँच सकेंगे, इससे राज्य में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने रिंग रोड क्षेत्र में आने वाले गदेरों और नालों पर पुल बनाकर सड़क मार्ग को छोटा रखने को भी कहा।
मुख्य सचिव ने टिहरी झील क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करने पर ध्यान देने की जरूरत बताई। उन्होंने अधिकारियों को रिंग रोड के निर्माण के दौरान सड़क के आसपास ज्यादा से ज्यादा व्यू प्वांइट विकसित करने के निर्देश भी दिए हैं ।
देहरादून से टिहरी के बीच 30 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड मोटर रोड टनल एशिया ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे लंबी सुरंग होगी क्योंकि फिलहाल नॉर्वे में 24.5 किलोमीटर की लाएर्डल टनल दुनिया की सबसे लंबी रोड टनल है।
टिहरी और देहरादून की बीच की दूरी 105 किलोमीटर से घटकर 25 किलोमीटर रह जाएगी। देहरादून से टिहरी के लिए प्रस्तावित टनल राजपुर रोड से टिहरी झील से लगे एरिया कोटी कॉलोनी तक बनेगी। इस टनल के बनने से दून से टिहरी तक का सफर अधिकतम एक घंटे में तय किया जा सकेगा, जो अभी करीब साढ़े तीन घंटे का है। दिल्ली से टिहरी पहुँचना भी आसान होगा पहले जो सफर 7 से 8 घंटे का होता था वो अब सिर्फ 3 से 4 घंटे मे पूरा होगा। इस टनल के दोनों ओर 7 से 10 किलोमीटर की एप्रोच रोड भी प्रोजेक्ट का हिस्सा होगी।