नैनीताल: बिजली के करंट से मौत पर चार लाख रुपये तक मुआवजे का प्रावधान है। यूपीसीएल की ओर से मृतक के परिजनों को यह धनराशि दी जाती है। जानकारी के अभाव में पीड़ित परिवार सही तरीके से अपील नहीं करते और उनको कुछ राहत नहीं मिल पाती है।
विधि छात्र मोहम्मद आशिक की आरटीआई के जवाब में यूपीसीएल ने बताया है कि किस तरह से ऐसी किसी दुर्घटना से पीड़ित परिवार को मुआवजा मिल सकता है। यही नहीं, किसी पालतू पशु के लिए भी मुआवजे का प्रावधान है. बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर और तार में करंट दौड़ता है।
इनके सम्पर्क में आने पर अक्सर हादसे हो जाते हैं और हर साल लोग जान गंवाते हैं। लेकिन, आरटीआई में यूपीसीएल ने बताया है कि करंट से मौत पर चार लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है। इसमें से अस्सी हजार रुपये 48 घंटे के भीतर अंतरिम सहायता के रूप में दे दिए जाते हैं। यूपीसीएल के ईई (एचआर) एवं लोक सूचना अधिकारी अरुण कांत के अनुसार, अधीक्षण अभियंता की ओर से बनाई गई जांच समिति इन हादसों की जांच करती है। इसके बाद अधिशासी अभियंता बाकी धनराशि के भुगतान की प्रक्रिया को पूरा करते हैं।
पशुओं की मौत पर भी मुआवजे का नियम
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) की ओर से पालतू पशुओं की करंट से मौत के मामले में भी तीस हजार रुपये तक मुआवजे का प्रावधान है। पशु यदि दुधारू (भैंस, गाय, याक) है तो तीस हजार रुपये, भेड़-बकरी और सुअर पर तीन हजार रुपये मिलते हैं।