श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश के गणित विभाग ने राष्ट्रीय गणित दिवस के अंतर्गत गणित सप्ताह में क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ गणित विभाग की विभागाध्यक्ष और कार्यक्रम की संयोजक, प्रो. अनीता तोमर, आयोजक सचिव डॉ. गौरव वार्ष्णेय और सह-आयोजक सचिव डॉ. शिवांगी उपाध्याय ने किया। गणित विभागाध्यक्षा प्रो. अनीता तोमर ने बताया कि गणित विभाग के छात्र-छात्राओं ने 21 दिसंबर से 26 दिसंबर तक गणित सप्ताह का आयोजन किया है, जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं। 21 दिसंबर को निबंध प्रतियोगिता और 22 दिसंबर को पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। गणित सप्ताह के समापन पर 26 दिसंबर को गणित के क्षेत्र में भारत की भूमिका पर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रोमानिया से डॉ. लिलियाना गुरान द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा। इसी के तहत, आज 23 दिसंबर को क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें पांच टीमों ने प्रतिभाग लिया।
प्रो. अनीता तोमर ने बताया कि भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जीवन एक अद्वितीय कहानी है जिसने गणित जगत को अपनी अद्वितीय और अत्यन्त ऊची गणित क्षमताओं से परिपूर्ण किया। रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 में हुआ था, और उन्होंने अपनी छोटी आयु में ही गणित में अपना प्रतिभा प्रकट कर दिया था। रामानुजन की अनदेखी गणितीय नजर ने उन्हें ब्रिटिश भौतिकी एवं गणितशास्त्र के प्रमुख विद्वानों के ध्यान का केंद्र बना दिया। उनका सांख्यिकीय अनुसंधान, अद्वितीय संख्यात्मक समीकरण और निरपेक्षीय संख्या सिद्धांत गणित जगत को चौंका देने वाले थे।
गणित की शक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि के कुछ सालों के डेटा से हम भूतकाल के साथ-साथ भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में पूर्ण या आंशिक रूप से बता सकते हैं, जैसे कि महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन द्वारा बताए गए सिद्धांतों का आज भी ब्लैक होल के रहस्यों को सुलझाने में भरपूर उपयोग किया जा रहा है। उनके द्वारा कही गई लाइन “An equation means nothing to me unless it expresses a thought of God” आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी कि 19वीं शताब्दी में । रामानुजन ने अपने संख्यात्मक और एक स्वाभाविक अदृश्यता से भरे रूप से सिद्धांतों का अध्ययन किया है ।श्रीनिवास रामानुजन का योगदान गणित में एक नए दृष्टिकोण को उजागर करने में साबित होता है, जिससे उन्होंने गणित की सीमा को बढ़ाया और एक नए स्तर पर उच्च गणित के साथ साथ वैज्ञानिक सोच को भी मजबूती से संबोधित किया। गणित हमारे दैनिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है, चाहे हम गणित के छात्र हों या न हों, लेकिन जीवन भर गणित हमारे साथ होता है। किसी भी समस्या का हल, गणित की संख्यात्मक सिद्धांत और विश्लेषण से आसानी से समझाया जा सकता है। गणित की शाखा, टॉपोलॉजी में कहा जाता है, कि कोई समुच्चय यदि खुला है तो वही समुच्चय दूसरी टॉपोलॉजी के लिए उसी स्थान में बंद भी हो सकता है, जो जीवन के उस गूढ़ रहस्य का संकेत करता है कि जीवन में कोई घटना एक दृष्टिकोण से गलत है तो उसी दृष्टिकोण को बदलने से वही घटना सही हो सकती है। गणित सप्ताह के इस मौके पर हम उनके जीवन से यह सीख सकते हैं कि “जीवन लम्बा होने के बजाए महान होना चाहिए”।, हम इस महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को सतत श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिनका योगदान आज भी गणित के क्षेत्र में अमूल्य है।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. एन.के. जोशी ने जीते गए टीम को हार्दिक बधाई देते हुए उनकी प्रशंसा व्यक्त की। यह विशेष सप्ताह, महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की याद में मनाया गया था, जो प्रो. तोमर की विषय में प्रतिबद्धता का प्रतीक था। कैम्पस निदेशक प्रो. एम.एस. रावत, डीन प्रो. जी. एस. ढींगरा, कॉमर्स के डीन, प्रो. कंचन लता सिन्हा, ने भी प्रो. अनीता तोमर के निरंतर प्रयासों की प्रशंसा की, जो विश्वविद्यालय और छात्रों के सुधार के लिए हमेशा महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन करने में लगी रहती है।
